व्हाट्सएप पर भेजी नोटिस…40 शिक्षक-कर्मचारियों को किया सेवामुक्त; PMO व उच्च शिक्षा अधिकारी से लगाई गुहार
श्री अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज में काम कर रहे 40 शिक्षक व कर्मचारियों को बिना किसी कारण सेवा मुक्त कर दिया है। प्रबंधन और प्राचार्य की ओर से व्हाट्सएप पर नोटिस भेजकर सभी को निष्कासित किया गया है। निष्कासित शिक्षक व कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय और उच्च शिक्षा अधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है।
शुक्रवार को कॉलेज से निष्कासित शिक्षक व कर्मचारी जवाहर नगर स्थित प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय पहुंचे। उन्होंने जनसुनवाई कर रहे विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी प्रार्थना पत्र सौंपा। बताया कि वे अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज में पिछले 20 से 25 वर्षों से प्रबंधकीय योजना के तहत शिक्षण कार्य कर रहे थे।
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आरोप लगाया कि प्राचार्य और निर्वाचित प्रबंध समिति शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्राओं का उत्पीड़न कर रही है। प्राचार्य और प्रबंधक की गलत नीतियों व वित्तीय दोहन के कारण महाविद्यालय में छात्राओं के प्रवेश में कमी आई। इसका दोषारोपण हम सभी शिक्षकों के ऊपर किया जा रहा है। शिक्षकों का वेतन पिछले ढाई माह से नहीं मिला।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्राचार्य एवं प्रबंधक ने नियम विरुद्ध तरीके से अपने चहेते शिक्षकों को प्रबंध समिति एवं वित्त समिति में शामिल कर छात्राओं की कमी होने और महाविद्यालय की वित्तीय स्थित ठीक न होने का कारण बताकर सेवा समाप्ति का पत्र व्हाट्सएप पर भेज दिया। इससे हम पर घोर वित्तीय संकट और मानसिक दबाव से आत्महत्या करने जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
नियम विरुद्ध तरीके से कराया जा रहा भुगतान
शिक्षक व कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि महाविद्यालय के समस्त कार्य नियम विरुद्ध एक एजेंसी से करवाए जा रहे हैं। उसका अनुबंध टेंडर किसी समाचार पत्र में नहीं कराया गया और लाखों का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने विधायक से अनुरोध किया कि महाविद्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए। सभी प्रबंधकीय शिक्षकों को सेवामुक्त करने के निर्णय पर पुनर्विचार कर उन्हें बहाल किया जाए।