उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ेगा या नहीं? हाईकोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार के पास अब हैं यह 3 ऑप्शन
इलाहाबाद हाईकोर्ट HC ने यूपी सरकार UP Government को शिक्षामित्रों shikshamitro का मानदेय mandey बढ़ाने पर विचार करने को कहा है। प्राइमरी (कक्षा 1 से 5 तक) और अपर प्राइमरी (कक्षा 6 से 8) में करीब डेढ़ लाख शिक्षामित्र हैं। 8 साल year से उनका मानदेय mandey नहीं बढ़ा। शिक्षामित्र 10 हजार रुपए पर काम कर रहे हैं। मानदेय mandey नहीं बढ़ने और अन्य कारणों से अब तक करीब 20 हजार शिक्षामित्र shikshamitra नौकरी job छोड़ चुके हैं।बेसिक शिक्षा और वित्त विभाग vibhag की ओर से कुछ महीने mahine पहले शिक्षामित्रों shikshamitro का मानदेय mandey बढ़ाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) भेजा गया था। लेकिन, वहां से मंजूरी नहीं मिली है। हाईकोर्ट HC के आदेश के बाद यूपी सरकार UP Government के पास क्या विकल्प हैं? मानदेय बढ़ेगा या नहीं?
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जानिए हाईकोर्ट HC का आदेश क्या है?
शिक्षामित्र shikshamitra अगस्त, 2017 से 10 हजार रुपए rupye महीने मानदेय mandey पर काम कर रहे हैं। उनकी ओर से समय-समय पर सरकार government से मानदेय mandey बढ़ाने की मांग की गई। उन्होंने जिलों District से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक धरना-प्रदर्शन भी किया, लेकिन मानदेय बढ़ाने पर सरकार government ने विचार नहीं किया।

सूत्रों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष year 2022-23 के बजट budget में सरकार government ने शिक्षामित्रों shikshamitro का मानदेय mandey बढ़ाने का प्रस्ताव बजट budget में शामिल भी किया था। लेकिन, वह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका। इसी बीच शिक्षामित्रों shikshamitro ने मानदेय mandey में वृद्धि के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट HC में याचिका दायर की। हाईकोर्ट HC ने सरकार government को शिक्षामित्रों shikshamitro का मानदेय mandey बढ़ाने पर विचार करने के लिए कहा है।
मानदेय बढ़ाने को लेकर सरकार का रुख क्या है?
हाईकोर्ट HC के आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग, वित्त विभाग और विधि एवं न्याय विभाग vibhag ने मंथन भी किया। मानदेय mandey कब से और कितना बढ़ाना है, यह भी सरकार government को ही देखना है।
बेसिक शिक्षा विभाग basic shiksha vibhag के सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल मानदेय mandey बढ़ाने का कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है। बेसिक शिक्षा और वित्त विभाग की ओर से इसकी फाइल पहले सीएम कार्यालय भेजी गई थी, लेकिन वहां से कोई पॉजिटिव संकेत नहीं मिला। इसलिए अब दोबारा फाइल तब ही भेजी जाएगी, जब CMO से प्रस्ताव मांगा जाएगा।
सरकार के पास फिर विकल्प क्या हैं?, यह तीनों विकल्प हैं सरकार के पास
1- सरकार हाईकोर्ट HC में जवाब पेश कर समय मांग सकती है।
2-सरकार हाईकोर्ट HC के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट SC में अपील कर सकती है।
3- सरकार दो से पांच हजार रुपए महीने बढ़ा सकती है। हालांकि फिलहाल इसके चांस बहुत कम हैं। क्यों कि कई बार शिक्षामित्रों की मानदेय वृद्धि की चर्चाएं चली है लेकिन उनपर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सकता है!
शासन-सत्ता के अनुभवी अफसरों का मानना है कि सरकार government इस साल नहीं तो अगले साल विधानसभा चुनाव Election से पहले शिक्षामित्रों shikshamitro के मानदेय mandey कुछ बढ़ा सकती है। इससे उसे चुनाव Election में फायदा मिल सकता है।
शिक्षामित्रों shikshamitro के संख्या बल की ताकत को देखते हुए भाजपा BJP ने विधानसभा चुनाव election 2017 के संकल्प पत्र में उनकी समस्या के समाधान का वादा भी किया था।
उत्तर प्रदेश UP दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ Teacher Sangh के अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि सरकार government ने तत्कालीन डिप्टी सीएम CM डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। कमेटी को शिक्षामित्रों shikshamitro का मानदेय mandey बढ़ाने सहित अन्य समस्याओं के समाधान पर रिपोर्ट Report देनी थी। लेकिन, कमेटी की रिपोर्ट Report अभी तक शेयर नहीं की गई है।
प्राथमिक शिक्षा की अहम कड़ी हैं
शिक्षामित्र प्रदेश के परिषदीय स्कूलों school में करीब 1.48 लाख शिक्षामित्र shikshamitra हैं। प्राथमिक विद्यालयों vidalaya में शिक्षक छात्र अनुपात 1:30 होना चाहिए। शिक्षामित्रों shikshamitro की संख्या के कारण ही परिषदीय स्कूलों school में यह अनुपात 1:22 है। इस संख्याबल के कारण ही शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि फिलहाल सहायक अध्यापक AT भर्ती की जरूरत नहीं है।