UPSESC में विवाद: PGT Bharti तिथि स्थगित, TGT Bharti परीक्षा भी प्रभावित

UPSESC में विवाद: PGT Bharti तिथि स्थगित, TGT Bharti परीक्षा भी प्रभावित

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPSESC) लगातार परीक्षा तिथि घोषित करके उसे टालने के लिए चर्चा में है। आयोग की पहली पूर्णकालिक अध्यक्ष प्रो. कृति पाण्डेय ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल में वर्ष 2022 की प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) और प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) भर्ती के लिए चार बार तिथि घोषित की, लेकिन परीक्षा नहीं करा सकीं।

उनके इस्तीफा देने के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष सुषमा ने बैठक कर 15 और 16 अक्टूबर को पीजीटी परीक्षा स्थगित कर दी। आयोग को नया पूर्णकालिक अध्यक्ष नवंबर में मिलने की संभावना है। नए अध्यक्ष के आने के बाद पुरानी तैयारियों पर 18 और 19 दिसंबर तक परीक्षा कराना भी मुश्किल दिख रहा है।

टीजीटी भर्ती पर भी असर

दो वर्षों से अभ्यर्थी पीजीटी और टीजीटी की परीक्षा की प्रतीक्षा कर रहे हैं। 2022 के भर्ती विज्ञापन पर 8.68 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। टीजीटी की परीक्षा के लिए भी चार बार तिथि घोषित की गई, लेकिन परीक्षा नहीं हो सकी। अब पांचवीं तिथि 18 और 19 दिसंबर प्रस्तावित है।

जानकारों का कहना है कि जब तक आयोग का नया पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं आता, टीजीटी की परीक्षा भी पीजीटी की तरह आगे बढ़ सकती है।

इस्तीफा देने से पहले प्रो. कृति पाण्डेय ने परीक्षा तिथि घोषित की थी

नए पूर्णकालिक अध्यक्ष के आने तक पुरानी तैयारी पर परीक्षा कराना मुश्किल

निदेशालय में भ्रष्टाचार की शिकायत, त्वरित कार्रवाई के निर्देश

शिक्षा निदेशालय, प्रयागराज में माध्यमिक शिक्षा अनुभाग के पट्टन पर लंबे समय से तैनात प्रशासनिक अधिकारी अनिल तिवारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं। शिक्षकों और कर्मचारियों ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री के विशेष सचिव विशाल कुमार सिंह और इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता पुष्पेंद्र सिंह के माध्यम से की।

मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव शिक्षा को पत्र भेजकर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि अधिकारी को सामान्य-1(3) माध्यमिक अनुभाग से हटाकर अन्य संवर्ग सम्बन्धी संपत्तियों की जांच कराई जाए।

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि विभाग के कई अधिकारियों का संपत्ति लाभ होने के कारण कई सालों से एक ही पट्टन पर अधिकारी जमे हुए हैं। 2020-21 में शारीरिक शिक्षा/स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा शिक्षकों के पद पर कथित फर्जी प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किया गया। साथ ही अभ्यर्थियों को मनमाने जिले भेजने और नियुक्तियों में गड़बड़ी करने की भी शिकायत की गई है।

जानकारों का कहना है कि स्थिति स्पष्ट तभी हो सकती है जब नए अध्यक्ष का चयन हो और उसके बाद ही परीक्षा की तिथि प्रस्तावित की जा सकेगी।

Leave a Comment

WhatsApp Group Join