UP News : छात्रों को नहीं मिली ड्रेस और स्टेशनरी की मदद, उत्तर प्रदेश में 7 लाख से ज्यादा बच्चों की DBT पेंडिंग

By Jaswant Singh

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UP News : छात्रों को नहीं मिली ड्रेस और स्टेशनरी की मदद, उत्तर प्रदेश में 7 लाख से ज्यादा बच्चों की DBT पेंडिंग

प्रयागराज के बेसिक स्कूलों में डीबीटी के तहत छात्रों को मिलने वाली आर्थिक सहायता की प्रक्रिया लंबित है। प्रदेश में 759285 विद्यार्थियों का डाटा रुका हुआ है जिसमें प्रयागराज के 19788 छात्र शामिल हैं। महानिदेशक ने सत्र 2025-26 तक सभी डाटा सत्यापित करने के निर्देश दिए हैं। सबसे अधिक मामले उरुवा विकासखंड में और सबसे कम चाका विकासखंड में लंबित हैं।

बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) का लाभ दिया जाता है। इसके तहत कुल 1200 रुपये मिलते हैं। इससे विद्यार्थियों को ड्रेस, जूता मोजा, बस्ता व स्टेशनरी खरीदनी होती है।

वर्तमान सत्र में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की डीबीटी लंबित है। प्रदेशभर में देखें तो यह आंकड़ा 759285 है जबकि प्रयागराज में 19788 छात्र छात्राओं के डाटा लंबित है। खास यह कि प्रदेश में बीएसए के स्तर पर लंबित प्रकरण 76939 जबकि बीईओ के स्तर पर 137475 हैं।

स्कूल शिक्षा महानिदेशक की ओर से जारी पत्र में निर्देशित किया गया है कि शैक्षिक सत्र 2025-26 में छात्र छात्राओं का डीबीटी डाटा शत प्रतिशत सत्यापित किया जाए। आगरा में 20462, अलीगढ़ में 3408, अंबेडकर नगर में 9803, अमेठी में 5668 विद्यार्थियों के मामले लंबित हैं।

प्रयागराज मंडल के फतेहपुर जनपद में 17524 प्रकरण लंबित हैं। यहां शिक्षकों के स्तार पर 8272, बीईओ के स्तर पर 2147, बीएसए के स्तर पर 2808 प्रकरण लंबित हैं। कौशांबी में कुल 8511 विद्यार्थियों के डाटा लंबित हैं, इनमें बीईओ के स्तर पर 1330, बीएसए के स्तर पर 239, शिक्षकों के स्तर पर 3306 प्रकरण हैं। प्रतापगढ़ में 9215 मामले हैं।

बीईओ के स्तर पर 981, बीएसए के स्तर पर 88 पेंडेंसी है। बीएसए देवव्रत सिंह के अनुसार प्रयागराज में 19788 छात्र छात्राओं का डाटा लंबित है। बीईओ के स्तर पर 2682, स्वयं बीएसए के स्तर पर 1167 मामले लंबित हैं।

जनपद में तीन या इससे अधिक बच्चों वाले अभिभावकों की संख्या 935 है जबकि पोर्टल पर 667 विद्यार्थी डुप्लीकेट की श्रेणी में दिखाई दे रहे हैं। उम्र की दृष्टि से संदेह की श्रेणी में रखे गए छात्र छात्राओं की संख्या 6869 है। शिक्षकों के स्तर पर कुल लंबित मामले 7468 है।

भदोही और रामपुर में एक भी अभिभावक तीन बच्चों वाले नहीं

बेसिक स्कूलों के ऐसे अभिभावक जिनके तीन या तीन से अधिक बच्चे हैं, उन्हें भी चिह्नित किया गया है। प्रदेश में उनकी संख्या 59346 है जबकि प्रयागराज में यह आंकड़ा 935 है। भदोही और रामपुर ऐसे जिले हैं, जहां तीन बच्चों वाले अभिभावक नहीं हैं।

बलरामपुर में सिर्फ एक अभिभावक चिह्नित हैं जिनके तीन या अधिक बच्चे परिषदीय स्कूल में पढ़ रहे हैं, जबकि देवरिया में 19, गोरखपुर में 29, जालौन में सात, कनौज में 25, पीलीभीत में 46, प्रतापगढ़ में 93, वाराणसी में 57, बुलंदशहर में 13, जौनपुर में 43, कानपुर नगर में 64, ललितपुर में 44 और लखनऊ में 54 अभिभावक हैं।

उरुवा में 442, चाका में 13 मामले लंबित

डीबीटी के लंबित मामलों के निस्तारण की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है। सोमवार की रिपोर्ट के अनुसार सब से अधिक उरुवा विकासखंड में 442 प्रकरण और सब से कम चाका विकासखंड में 13 मामले लंबित हैं। नगर क्षेत्र में यह आकड़ा 356 है जो कि जनपद में दूसरी सब से बड़ी संख्या है। बहादुरपरु में 289, हंडिया में 239, प्रतापपुर में 236 विद्यार्थियों के डाटा लंबित हैं।

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