UP में पहली बार 60 हजार पुलिसकर्मियों की एक साथ होगी ट्रेनिंग, आठ सालों में 10 गुना बढ़ी क्षमता

UP में पहली बार 60 हजार पुलिसकर्मियों की एक साथ होगी ट्रेनिंग, आठ सालों में 10 गुना बढ़ी क्षमता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को गोरखपुर पहुंचे। यहां उन्होंने कहा 2017 में यूपी में मात्र 6000 पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग हो सकती थी। लेकिन अब जिन 60 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती हुई है, सबकी ट्रेनिंग एक साथ होगी।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को गोरखपुर पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि सुरक्षा का बेहतर माहौल देने के लिए बड़े सुधार किए गए। एक तरफ यूपी में सात पुलिस कमिश्नरेट बनाए गए। वहीं जिला स्तर पर भी बेहतर ढांचा खड़ा किया गया। आठ साल में 2.12 लाख से ज्यादा पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गई। इनमें से 1.56 लाख पुलिसकर्मी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं जबकि 60 हजार से अधिक की भर्ती अभी संपन्न हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में यूपी में मात्र 6000 पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग हो सकती थी। लेकिन अब जिन 60 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती हुई है, सबकी ट्रेनिंग एक साथ होगी।

प्रदेश सरकार के आठ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मंगलवार को गोरखपुर में आयोजित विकास उत्सव के शुभारंभ के बाद सर्किट हाउस में मीडियाकर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि आठ वर्षों में प्रदेश सरकार ने सुरक्षा का बेहतर माहौल दिया तो उसका परिणाम रहा कि उत्तर प्रदेश में हरेक व्यक्ति ने अपने आप को सुरक्षित महसूस किया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने वन डिस्ट्रिक्ट, वन माफिया पैदा किया जबकि आज सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज दिया है, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट दिया है। नए रोजगार के सृजन किए हैं। एमएसएमई को पुनर्जीवित किया है। इन सबसे उत्तर प्रदेश में निवेश का नया युग आया है।

दंगाइयों के लिए काल पीएसी की कंपनियों को किया बहाल सीएम ने कहा कि पीएसी की कंपनियां जो दंगाइयों के लिए काल होती थीं, उन्हें पिछली सरकार ने बंद कर दिया था। हमने सभी कंपनियों को बहाल किया है। उनमें भी सुधार किया गया। एसएसएफ और एसडीआरएफ की कम्पनियां गठित की गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं आग लगने पर पहली बार हाइड्रोलिक टेंडर की व्यवस्था उत्तर प्रदेश के फायर सर्विस में की गई है। फॉरेंसिक लैब के साथ फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट भी उत्तर प्रदेश में चालू हो गया है। उन्होंने कहा कि पहले पीआरवी 112 की रिस्पांस टाइम 25 मिनट से ज्यादा थी, आज मात्र 7 मिनट में पीआरवी पहुंच रही है। ऐसे ही 108 एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम भी 25 मिनट से ज्यादा हुआ करता था, आज 7 से 12 मिनट के अंदर वह अपनी सुविधा दे रही है।

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