Shikshamitra News : शिक्षामित्रों को बीएलओ बनाने में मनमानी नहीं

By Jaswant Singh

Published on:

Shikshamitra News : शिक्षामित्रों को बीएलओ बनाने में मनमानी नहीं

 लखनऊ। बीएलओ की तैनाती के लिए ईआरओ यानी इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर की मर्जी नहीं चलेगी। निर्वाचन आयोग के सचिव पवन दीवान की ओर से यूपी समेत सभी राज्यों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। अब बीएलओ का कार्य कराने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, शिक्षा मित्र या अन्य किसी समूह घ के नीचे के कर्मचारी की तैनाती सीधे नहीं की जा सकेगी। यह निर्देश मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को सभी जिलों के डीईओ, ईआरओ तक पहुंचाने के बाद 20 जून तक जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी।

Resize 20220905 045840 0707 1

इस संबंध में 23 मई को नई दिल्ली में हुई बैठक में निर्णय लिया गया। मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के इस सम्मेलन में निर्वाचन आयोग की ओर से निर्देश दिए गए हैं। इसमें मतदाता सूची 2023 मैनुअल के निर्देशों में संशोधन किया गया है। इसके अनुसार ईआरओ मतदाता सूची के प्रत्येक हिस्से के लिए एक बीएलओ तैनात करेगा। बीएलओ राज्य सरकार के ग्रुप सी या उससे ऊपर के नियमित सेवारत कर्मचारियों में से होगा। नियमित राज्य या स्थानीय कर्मचारी न होने की स्थिति में ईआरओ आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों अनुबंध शिक्षकों या केन्द्र सरकार के कर्मचारियों में से बीएलओ की नियुक्ति कर सकता है। बावजूद इसके इस मामले में सीईओ को ईआरओ की ओर से हस्ताक्षर किया हुआ एक अनुपलब्धता प्रमाणपत्र देना होगा। ईआरओ के प्रमाणपत्र को जिलाधिकारी यानी डीईओ सत्यापित करते हुए आगे भेजेंगे।

सिर्फ लखनऊ में ही 3387 बीएलओ

सिर्फ लखनऊ में ही 3387 बीएलओ की तैनाती है। बावजूद इसके 1200 से 1500 तक बीएलओ चुनाव में कम पड़ जाते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान एडेड स्कूलों के टीचरों की ड्यूटी लगाई गई थी। अब समूह घ से नीचे के कर्मचारियों की तैनाती से पहले चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी।

 

Leave a Comment

``` WhatsApp Group Join ```