स्कूल मर्ज होने पर हंगामा, नाराज अभिभावकों ने स्कूल पर जड़ा ताला, टीचर्स को किया बंद
उत्तर प्रदेश UP सरकार government द्वारा प्राइमरी स्कूल School को मर्ज Marge करने के विरोध में अब अभिभावक भी उतर आए हैं. इसी को लेकर हरदोई के कोथावां ब्लॉक के गौरी गांव में प्राथमिक विद्यालय vidalaya के बिराहिमपुर विद्यालय vidalaya में विलय की खबर से नाराज अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया.गुस्साए ग्रामीणों ने स्कूल school के मुख्य गेट पर ताला जड़कर शिक्षकों teacher को अंदर बंद कर दिया और बच्चों को स्कूल में प्रवेश करने से रोक दिया. मौके पर पहुंची बेनीगंज पुलिस और खंड शिक्षा अधिकारी BEO प्रभावती ने स्थिति को संभाला और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की।
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कोथावां ब्लॉक के गौरी गांव के प्राथमिक विद्यालय vidalaya को नजदीकी बिराहिमपुर विद्यालय vidalaya में विलय करने की सूचना पर शुक्रवार सुबह अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा. ग्रामीणों ने स्कूल school के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और विलय के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने बच्चों को स्कूल में प्रवेश करने से रोका और शिक्षकों teacher को स्कूल School भवन में बंद कर ताला जड़ दिया. ग्रामीणों ने मांग की कि गौरी गांव का स्कूल बंद school close न किया जाए।
पुलिस और बीईओ ने संभाला मोर्चा
ग्रामीणों के घंटों चले हंगामे के बाद बेनीगंज पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की. पुलिस ने ताला खुलवाकर बंद शिक्षकों teacher को बाहर निकाला. इंस्पेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बीईओ BEO प्रभावती को मौके पर बुलाया. बीईओ BEO ने ग्रामीणों और विद्यालय vidalaya प्रबंध समिति के अध्यक्ष से बातचीत की. उन्होंने आश्वासन दिया कि स्कूल School का विलय अभी नहीं हो रहा है और उनकी समस्याओं को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा।
आंगनवाड़ी के जरिए पढ़ाई का भरोसा
यही नहीं बीईओ BEO प्रभावती ने ग्रामीणों को सांत्वना देते हुए कहा कि विलय के बाद भी गौरी गांव का स्कूल बंद school close नहीं होगा. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से छोटे बच्चों को यहीं पर शिक्षा shiksha दी जाएगी. हालांकि, ग्रामीणों ने लिखित आश्वासन की मांग की।
ग्रामीणों की चिंता: दूरी और सुरक्षा
विद्यालय vidalaya प्रबंध समिति के अध्यक्ष ने बताया कि बिराहिमपुर विद्यालय vidalaya गौरी गांव से 2 किलोमीटर दूर है. वहां जगह और बुनियादी सुविधाओं की कमी है. रास्ते में बंदरों का खतरा बना रहता है, जिससे बच्चों का वहां पढ़ने जाना मुश्किल है. ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय स्कूल बंद school close होने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ेगा।