संविदा-कर्मियों को नियमित करने की मांग: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने वित्त मंत्री को भेजा सुझाव

By Jaswant Singh

Published on:

UP Board exam 2025

संविदा-कर्मियों को नियमित करने की मांग: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने वित्त मंत्री को भेजा सुझाव

उत्तर प्रदेश UP सरकार government का बजट budget सत्र 18 फरवरी से प्रारंभ होने जा रहा है।इस सत्र के दौरान 20 फरवरी को प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट प्रस्तुत करेंगे। बजट budget के दौरान कर्मचारियों karmchariyon के हितों को लेकर कई अहम सुझाव दिए गए हैं, जिन्हें राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने वित्त मंत्री के समक्ष रखा है। 

आउटसोर्स कर्मियों के न्यूनतम मानदेय पर फैसला जल्द हो: संयुक्त परिषद

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने बताया कि प्रदेश में कार्यरत 5 लाख Lakh से अधिक आउटसोर्स कर्मियों का शोषण हो रहा है। संयुक्त परिषद ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से आग्रह किया है कि इस बजट budget सत्र में आउटसोर्स कर्मियों के मानदेय पर निर्णय लिया जाए। परिषद ने यह भी कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ CM Yogi adityanath से जनवरी में हुई मुलाकात में यह आश्वासन दिया गया था कि आउटसोर्स कर्मियों karmchari के न्यूनतम मानदेय mandey का निर्धारण जल्द किया जाएगा, लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।

आउटसोर्स कर्मियों के न्यूनतम मानदेय पर फैसला जल्द हो: संयुक्त परिषद

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने बताया कि प्रदेश में कार्यरत 5 लाख Lakh से अधिक आउटसोर्स कर्मियों karmchariyon का शोषण हो रहा है। संयुक्त परिषद ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से आग्रह किया है कि इस बजट सत्र में आउटसोर्स कर्मियों के मानदेय पर निर्णय लिया जाए। परिषद ने यह भी कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ cm Yogi adityanath से जनवरी में हुई मुलाकात में यह आश्वासन दिया गया था कि आउटसोर्स कर्मियों के न्यूनतम मानदेय mandey का निर्धारण जल्द किया जाएगा, लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।

संविदा कर्मियों को नियमित करने की मांग

संयुक्त परिषद ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से प्रदेश में कार्यरत संविदा कर्मियों samvida karmchariyon के नियमितीकरण के लिए नियमावली लाने का सुझाव दिया है। परिषद का कहना है कि 2001 तक नियुक्त संविदा कर्मियों का नियमितीकरण किया गया था, लेकिन उसके बाद कोई नियमावली नहीं बनाई गई है। इसके अलावा, परिषद ने पुरानी पेंशन old pension योजना के विकल्प खोले जाने, यूपीएस अंतर्गत कर्मचारियों से अंशदान की वसूली बंद करने और जीपीएफ GPF की व्यवस्था लागू करने की भी मांग की है।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पर लगे प्रतिबंध को हटाए जाने की सिफारिश

संयुक्त परिषद की महामंत्री अरुणा शुक्ला ने प्रदेश के समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग सहित अन्य सरकारी विभागों vibhag में कार्यरत संविदा कर्मियों samvida karmchariyon के नियमितीकरण के लिए नियमावली लाने का सुझाव दिया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सरकारी कामकाज में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए अनुभव प्राप्त सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा निगरानी समितियां बनाए जाने, राज्य कर्मचारियों के लिए आयुष्मान योजना के तहत गंभीर बीमारियों के उपचार हेतु 10 लाख Lakh तक की सुविधा दिए जाने और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पर लगे प्रतिबंध को हटाए जाने की भी सिफारिश की है।

वहीं संयुक्त परिषद द्वारा वित्त मंत्री को भेजे गए इन प्रस्तावों पर वरिष्ठ पदाधिकारियों की राय भी ली गई है। जिसमें त्रिलोकी नाथ चौरसिया, ओमप्रकाश पांडेय, नारायणजी दुबे, निरंजन कुमार श्रीवास्तव, और अन्य पदाधिकारी शामिल हैं।

 

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