Primary Ka Master : शिक्षक ही न बन पाए स्मार्ट… कैसे शुरू हो क्लास
मुरादाबाद: बेसिक शिक्षा विभाग basic shiksha vibhag ने अपने स्कूलों school में स्मार्ट क्लास तो बना दीं लेकिन शिक्षक आधुनिक तकनीक वाली एलईडी का संचालन ही नहीं कर पा रहे हैं। इसके कारण प्रति विद्यालय 2 लाख रुपये खर्च कर दिए गए संसाधनों का लाभ छात्रों को नहीं मिल पा रहा है।खंड शिक्षा अधिकारियों BEO के निरीक्षण में लगातार खामियां सामने आ रही हैं।
स्कूलों school में स्मार्ट क्लास class का संचालन न होने से अधिकारी एक बार फिर शिक्षकों teacher को प्रशिक्षण दिलाने पर मंथन कर रहे हैं। इसके लिए डायट सै अपील की जा रही है। मंगलवार को भी मुरादाबाद ग्रामीण ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी BEO वागीश गोयल ने 10 स्कूलों school का निरीक्षण किया।
इनमें कंपोजिट विद्यालय vidalaya ज्ञानपुर, कंपोजिट विद्यालय उत्तमपुर बहलोल, कंपोजिट विद्यालय डिडौरा, उच्च प्राथमिक विद्यालय चौधरपुर आदि शामिल हैं।
सभी स्कूलों में एक ही खामी पाई गई कि शिक्षक स्मार्ट क्लास का संचालन नहीं कर पा रहे हैं। स्मार्ट क्लास में 75 इंच का फुल टच एलईडी बोर्ड, इंटरनेट कनेक्टिविटी, बैटरी, इनवर्टर समेट कई उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। विद्यालयों को स्मार्ट क्लास व ई-लर्निंग से जोड़ने के लिए कई तरह की सुविधाएं विकसित की गई हैं।
इसमें इंटरैक्टिव बोर्ड, इंटरैक्टिव डिस्प्ले तथा ऑडियो-विजुअल सेटअप भी शामिल हैं।अब तक जो बच्चे परिवार में स्मार्टफोन या टैबलेट न होने के कारण तकनीकी शिक्षा से नहीं जुड़ पा रहे थे, उन्हें इससे काफी लाभ हो सकता है। इनके माध्यम से छात्रों को रेखा गणित की संरचनाएं 3-डी में समझाई जा सकती हैं। वहीं विज्ञान के कई टॉपिक आसान बनाकर सिखाए जा सकते हैं। इसमें यूट्यूब की सहायता से भी शिक्षक बच्चों को पढ़ा सकते हैं। शिक्षकों के दक्ष न होने से यह सारी व्यवस्थाएं कामयाब नहीं हो रही हैं।