उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी स्कूलों की छुट्टियों को 30 जून तक बढ़ाने को लेकर बड़ा अपडेट

By Jaswant Singh

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उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी स्कूलों की छुट्टियों को 30 जून तक बढ़ाने को लेकर बड़ा अपडेट 

उत्तर प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। बढ़ते तापमान और लू की स्थिति ने विशेष रूप से बच्चों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। ऐसे में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छोटे बच्चों के लिए 16 जून से स्कूल खोलने का निर्णय उनके स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है। इस स्थिति को देखते हुए अभिभावकों, शिक्षकों और समाज के अन्य जागरूक लोगों ने ग्रीष्मावकाश को 30 जून तक बढ़ाने की मांग की है।

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वर्तमान में उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। ऐसी परिस्थितियों में बच्चों को स्कूल भेजना न केवल उनके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि उनकी पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। गर्मी से होने वाली बीमारियां जैसे लू लगना, निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन), और थकान बच्चों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती हैं। विशेषज्ञों का भी मानना है कि छोटे बच्चों का शरीर गर्मी को सहन करने में कम सक्षम होता है।

इसके अतिरिक्त, शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों के लिए भी गर्मी की स्थिति को देखते हुए कार्य समय में बदलाव की आवश्यकता है। यह सुझाव दिया गया है कि स्कूलों का संचालन सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक किया जाए। इससे न केवल शिक्षकों को भीषण गर्मी से राहत मिलेगी, बल्कि स्कूलों के सभी आवश्यक प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्य भी सुचारू रूप से पूरे हो सकेंगे। साथ ही, शिक्षकों के लिए किसी भी प्रकार के भेदभावपूर्ण आदेशों से बचने की अपील की गई है, ताकि सभी कर्मचारियों का मनोबल बना रहे।

हम माननीय मुख्यमंत्री जी और बेसिक शिक्षा मंत्री जी से विनम्र अनुरोध करते हैं कि बच्चों और शिक्षकों के स्वास्थ्य को सर्वोपरि मानते हुए ग्रीष्मावकाश को 30 जून तक बढ़ाने का निर्णय लिया जाए। साथ ही, स्कूलों के संचालन समय में बदलाव के लिए तत्काल आदेश जारी किए जाएं। यह कदम न केवल बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करेगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को भी अधिक प्रभावी और सुरक्षित बनाएगा।

आइए, हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि हमारे बच्चे और शिक्षक इस भीषण गर्मी से सुरक्षित रहें और शिक्षा का माहौल स्वस्थ और सकारात्मक बना रहे। बच्चों का स्वास्थ्य और भविष्य हमारी प्राथमिकता है।

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