outsourcing karmchari : शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों तथा संविदा कर्मचारियों की मानदेय की कमी ने दिवाली की खुशियां की कम
उन्नाव: कुछ हजार के मानदेय पर नौकरी कर रहे शिक्षामित्र, अनुदेशक और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों outsourcing karmchariyon की दीवाली Diwali इस बार कुछ खास नहीं रहेगी। जिम्मेदारों की अनदेखी से उनकी दिवाली Diwali पर आर्थिट संकट बन गया है।त्योहार की खुशियों वह बिन पैसे Paiso कैसे अपने परिवार के साथ साझा करें इसको लेकर उनकी चिंताए बढ़ गई है।
जिले में बेसिक से 327 और सर्व शिक्षा अभियान के तहत 2500 शिक्षामित्रों shikshamitrao की तैनाती है। इसमें 327 बेसिक को छोड़कर बाकी दूसरे सभी शिक्षामित्रों, 5 सौं अनुदेशक, 6 हजार रसोईयां और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों outsourcing karmchariyon को मिलाकर करीब 3200 को मानदेय mandey के लाभ से वंचित कर दिया गया है।
ऐसे में विभाग vibhag की अनदेखी से इनकी दीवाली Diwali पर फिलहाल खुशी के उजियारे की जगह अंधेरा बन गया है। क्योंकि सभी शिक्षक कर्मचारियों karmchariyon का इतना ज्यादा मानदेय mandey नहीं है कि वह दूसरे माह में इसे बचाकर अपने खर्च पूरे कर सके। इनके मानदेय mandey में बरती गई लापरवाही पर शिक्षामित्र संघ shikshamitra sangh के प्रदेश सचिव व जिला अध्यक्ष सुधाकर तिवारी ने बीएसए BSA अमिता सिंह से मिलकर इसे दिलाने की बात रखी। उन्होंने कहा दीपावली Dipawali के बाद जिले स्तर पर धरना देंगे। जिले के सक्षम अधिकारियों के सामने अपनी पीड़ा को रखेंगे। कहा कि मात्र 10 हजार रुपए मानदेय mandey मिलता है।
वह भी समय से ना मिले तो क्या फायदा। शिक्षामित्र अनूप मिश्रा ने कहा कि दीवाली Diwali से पावन पर्व पर हम सबकी खुशियों में मानदेय की कमी से ग्रहण लग गया है। बजट budget होने के बाद भी जिम्मेदारों की अनदेखी से उनके खाते में मानदेय mandey नहीं पहुंच सका है। जिसके कारण शिक्षामित्र और उनका परिवार परेशानी झेलेगा। कोट– इस सभी के खातों को आर्यावर्त ग्रामीण में खोला जा रहा है। इसके कारण मानदेय में इस बार देरी हो गई है। अभी पूरी कोशिश की जा रही है कि त्योहार Festival तक इनके मानदेय mandey का भुगतान हो जाए। क्योंकि संख्या काफी है एक सख्स के डाटा को फीड करने में 5 से 6 मिनट लग जाते है। फिर 24 घंटे उसके अपडेट में लग रहे है। सतीश पांडेय, सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी




