न देखी दूरी और न दिक्कत बस मर्ज कर दिया स्कूल, साफ दिख रही अधिकारियों की मनमानी

By Jaswant Singh

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न देखी दूरी और न दिक्कत बस मर्ज कर दिया स्कूल, साफ दिख रही अधिकारियों की मनमानी

रायबरेली में प्राथमिक स्कूल school पूरे तिवारी और प्राथमिक स्कूल school अहमदपुर का विलय प्राथमिक स्कूल School किलौली में किया गया। रास्ते में हाईवे पड़ता है। पूरे तिवारी के 31 बच्चों को तीन किमी तो अहमदपुर के 29 बच्चों को 1.5 किमी दूर जाना पड़ रहा है।अभिभावक बच्चों को इतनी दूर भेजने को तैयार नहीं हैं। प्राथमिक विद्यालय vidalaya कुटी का विलय तीन किमी दूर प्राथमिक विद्यालय रैन में किया गया। जिले में 129 विद्यालयों vidalaya का विलय हुआ है।

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देवरिया के रामपुर कारखाना में छात्र संख्या और संसाधनों के मामले में पहले से ही बेहतर प्राथमिक विद्यालय vidalaya गोविंदपुर को कंपोजिट विद्यालय vidalaya मदिरापाली के साथ विलय किया गया। गौरीबाजार में प्राथमिक विद्यालय vidalaya मलिया टोला को डेढ़ किमी दूर दूसरे ग्राम पंचायत के प्राथमिक विद्यालय करमाजीतपुर में विलय किया गया। देवरिया में कुल 251 विद्यालयों vidalaya का विलय किया गया है।

बेसिक शिक्षा विभाग basic shiksha vibhag ने प्रदेश में कम नामांकन वाले 10827 परिषदीय विद्यालयों vidalaya का विलय (पेयरिंग) किया है। हालांकि, विलय में स्पष्ट मानक न होने से जिलास्तर पर मनमानी की गई। कहीं स्कूलों school का विलय दो से तीन किमी दूर कर दिया गया तो कहीं बच्चों को हाईवे और रेलवे लाइन पार करके जाना पड़ रहा है।

कहीं पूरे शिक्षक teacher नहीं हैं तो कई जगह खराब रास्ते रोड़ा बन रहे हैं। बच्चे स्कूल School जाने को तैयार नहीं हैं। कुशीनगर में 178 विद्यालयों vidalaya का विलय हुआ है। विलय के बाद नए विद्यालयों vidalaya में आधे बच्चे भी नहीं पहुंच रहे। ऐसे में अधिकारियों को बच्चों व अभिभावकों को मनाने और फायदे बताने के लिए गांव-गांव जाना पड़ रहा है।

ये हालत कुशीनगर समेत कई जिलों District की है। अब जिले-जिले district में स्कूलों school के विलय का विरोध मुखर हो रहा है। कानपुर देहात, उन्नाव, हरदोई समेत कई जिलों में बच्चे और अभिभावक सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षक teacher संगठनों के साथ ही स्थानीय लोग व जनप्रतिनिधि भी इसमें शामिल हो गए हैं।

अभिभावकों का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग basic shiksha vibhag ने लोगों से बिना संवाद किए और बिना जमीनी हकीकत समझे जल्दबाजी में विलय का निर्णय लिया। अगर अधिकारियों ने संवाद के बाद फैसला लिया होता तो यह स्थिति न आती। विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने न तो विद्यालयों vidalaya की दूरी देखी न बच्चों की दिक्कत, बस ताबड़तोड़ विलय कर दिया।

देवरिया में तो ज्यादा दूरी को देखते हुए बीएसए BSA ने 30 विद्यालयों vidalaya के विलय का आदेश रद्द कर दिया। हालांकि, कई जिलों District में अब भी बच्चों व अभिभावकों की दिक्कत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों के विरोध के बीच आशंका है कि आने वाले दिनों में ड्रॉपआउट दर बढ़ सकती है।

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