बजट 2025 में मिडिल क्लास की होगी बल्ले-बल्ले? फिर से शुरू हो सकती है प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए CLSS स्कीम
घर खरीदने वालों को 6 लाख रुपये, 9 लाख रुपये और 12 लाख रुपये तक के लोन राशि पर 6.5%, 4% और 3% की ब्याज सब्सिडी की पेशकश की गई थी।
केंद्रीय बजट 2025-26, 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। इस बजट पर पूरे देश में होम लोन (HOME LOAN) लेने वाले नागरिक भी उम्मीद भरी आंखों से देख रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि वित्त मंत्री घर खरीदना ज़्यादा आसान बनाएंगी। घर खरीदने वालों को उम्मीद है कि सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत MIG श्रेणी के लिए भी क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (CLSS) को फिर से शुरू करेगी, जिसके तहत पात्र लाभार्थियों को 2.67 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी गई थी।
PMAY की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (CLSS) के तहत क्या लाभ थे?
इस योजना के तहत घर खरीदने वालों को प्रति घर 2.67 लाख तक की ब्याज सब्सिडी की पेशकश की गई थी। यह राशि आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS)/निम्न आय वर्ग (LIG), मध्यम आय वर्ग (MIG)-I और मध्यम आय वर्ग (MIG)-II के लाभार्थियों के लिए थे। ये उन नागरिकों के लिए है जो घर खरीदने/बनाने के लिए बैंकों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और ऐसी अन्य संस्थाओं से होम लोन लेना चाहते हैं।
घर खरीदने वालों को 6 लाख रुपये, 9 लाख रुपये और 12 लाख रुपये तक के लोन राशि पर 6.5%, 4% और 3% की ब्याज सब्सिडी की पेशकश की गई थी। ये क्रमशः EWS/LIG, MIG I और MIG II के लिए 60, 160 और 200 वर्ग मीटर तक के कारपेट एरिया वाले घर के लिए है।
सरकार ने CLSS योजना कब बंद की?
EWS/LIG सेगमेंट के लिए सब्सिडी योजना 31 मार्च, 2022 को बंद कर दी गई थी, लेकिन बाद में इसे फिर से शुरू किया गया। MIG सेगमेंट के लिए, योजना 31 मार्च, 2021 को बंद कर दी गई थी।
बेसिक होम लोन के सीईओ और सह-संस्थापक अतुल मोंगा का मानना है कि होम लोन लेने वाले लोग नीतिगत बदलावों की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे घर खरीदना और भी किफ़ायती हो जाएगा। उन्होंने कहा, “होम लोन लेने वाले लोग इस बात को लेकर आशावादी हैं कि बजट 2025 में नीतिगत बदलावों से उनका वित्तीय बोझ कम होगा और घर खरीदना और भी सुलभ और किफ़ायती हो जाएगा।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सेक्शन 24(बी) के तहत होम लोन ब्याज पर कर कटौती की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने से काफ़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा उन्होंने सुझाव दिया कि सेक्शन 80सी की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने के साथ-साथ होम लोन के मूलधन के पुनर्भुगतान के लिए एक डेडीकेटेड सब लिमिट बनाने से घर खरीदने वालों को और भी प्रोत्साहन मिलेगा।