इन कर्मचारियों को योगी सरकार का बड़ा तोहफा,रिटायरमेंट की उम्र 58 से बढ़ाकर की 60 साल
राजधानी लखनऊ में गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ CM Yogi adityanath की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक cabinet meeting हुई। इस दौरान 30 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी। कई विभागों vibhag के प्रस्तावों को हरी झंठी भी मिली। इनमें से एक भाषा संस्थान भी है।योगी सरकार yogi government ने भाषा संस्थान में कार्य कर रहे कर्मचारियों को बढ़ा तोहफा gift दिया है। कर्मचारियों karmchariyon की रिटायरमेंट की उम्र year 58 साल year से बढ़ाकर 60 वर्ष year करने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
ये भी पढ़ें 👉 संविदा कर्मियों को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला, वेतन भुगतान और ईपीएफ, ESI के भी निर्देश जारी
उत्तर प्रदेश UP मंत्रिमंडल ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कर्मचारियों karmchariyon की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष year करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यहां जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी information दी गई। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ CM Yogi adityanath की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट cabinet की बैठक meeting में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी information देते हुए वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि यूपी भाषा संस्थान भाषा विभाग vibhag के तहत एक स्वायत्त संस्थान है और इसके कर्मचारी karmchari लगातार अपनी सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
ये भी पढ़ें 👉 चार और ‘फर्जी शिक्षकों’ पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज, बर्खास्तगी के बाद हुई कार्रवाई
वित्त मंत्री ने कहा कि इसी विभाग vibhag के तहत अन्य स्वायत्त संस्थान पहले ही सेवानिवृत्ति की संशोधित 60 वर्ष year की उम्र सीमा को पहले ही लागू कर चुके हैं। यह निर्णय समान निकायों के कर्मचारियों karmchariyon के बीच समानता लाता है। प्रस्ताव में 12 अगस्त 2013 के राज्य सरकार government के आदेश में उल्लिखित प्रक्रियात्मक दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है, जो स्वायत्त संस्थानों में कर्मचारियों karmchariyon की सेवानिवृत्ति की उम्र year में इस तरह की वृद्धि की अनुमति देता है।
सुरेश खन्ना ने कहा कि आदेश के तहत आवश्यक प्रक्रियात्मक कदम पूरे हो चुके हैं और कैबिनेट cabinet ने अब इसे मंजूरी दे दी है। इस कदम से यूपी UP भाषा संस्थान के कर्मचारियों karmchariyon को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो राज्य में भाषाओं और साहित्य को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए काम करता है।