एक शिक्षक का बेटा होने के नाते हर शिक्षक से मेरा पारिवारिक संबंध है और उनका दर्द मेरा दर्द है।: अखिलेश यादव

By Jaswant Singh

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एक शिक्षक का बेटा होने के नाते हर शिक्षक से मेरा पारिवारिक संबंध है और उनका दर्द मेरा दर्द है।: अखिलेश यादव

आदरणीय समस्त शिक्षक समुदाय एक शिक्षक का बेटा होने के नाते हर शिक्षक से मेरा पारिवारिक संबंध है और उनका दर्द मेरा दर्द है।

– स्कूल मर्जर के कारण शिक्षकों की संख्या और भी घट जाएगी। गाँवों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं होने से व असुरक्षा की वजह से मर्जर के बाद बच्चियाँ दूर के स्कूलों में नहीं भेजी जाएंगी, इससे स्त्री शिक्षा कम होगी, लोग अपने बच्चों को स्कूल से निकाल लेंगे लेकिन ये सब बातें परिवारवाले ही समझ सकते हैं।

– ⁠शिक्षक संघ की माँगों के समर्थन में हम हमेशा रहे हैं और रहेंगे।

– ⁠बेसिक शिक्षक भर्ती प्रयागराज आंदोलनकारियों को हमारा समर्थन जारी रहेगा।

– ⁠69000 सहायक शिक्षक भर्ती आंदोलनकारियों के हक़ की लड़ाई हम लड़ते रहेंगे।

– शिक्षा मित्र आंदोलनकारियों को हमारा साथ हमेशा मिलता रहा है और मिलता रहेगा।

शिक्षकों और बच्चों के अभिभावकों को जितनी जल्दी ये बात समझ आ जाएगी कि भाजपा सरकार शिक्षक और शिक्षा के ख़िलाफ़ है और भाजपा की वजह से परिवारवालों के बच्चों का भविष्य अंधकारमय है, उतनी ही जल्दी परिवर्तन के लिए ज़मीन बननी तैयार हो जाएगी। भाजपा रूढ़िवादी है और ये जानती है कि पढ़ा-लिखा व्यक्ति सवाल उठाता है, वो विभाजनकारी राजनीति का विरोध करता है इसीलिए स्कूल जितने कम होंगे, उतना ही भाजपा का विरोध कम होगा। शिक्षित नौकरी मांगेगा। सरकारी नौकरी होगी तो आरक्षण भी देना पड़ेगा। इसीलिए आरक्षण विरोधी भाजपा के एजेंडे में नौकरी है ही नहीं ।

भाजपा शिक्षकों को विरोध का एक ऐसा आंदोलन शुरू करने के लिए बाध्य न करे जिससे हर क्षेत्र में ठहराव आ जाए। भाजपा शिक्षकों की समस्याओं के प्रति हमेशा बेरुख़ी का नज़रिया अपनाती है। भाजपा की सरकार एक हृदयहीन सरकार है। जिसमें संवेदना न हो वो सरकार नहीं चाहिए। सबको याद है कि हमने ‘ऑनलाइन हाज़िरी’ के आंदोलन के समय कहा था कि शिक्षकों का सम्मान और उन पर विश्वास करने से ही अच्छी पीढ़ी जन्म लेती है।

गुरुओं के साथ जो अभद्र भाषा बोलते हैं, उनका अपमान करते हैं वो अशिक्षित के समान ही हैं। अहंकार लोगों को अनपढ़ बना देता है क्योंकि अहंकारी न तो किसी की तकलीफ़ दुख को पढ़ता है, न सुनता है। शिक्षकों पर अविश्वास जताकर और उनका तिरस्कार करके भाजपा सरकार ने साबित कर दिया है कि वो न तो शिक्षा का सम्मान करती है, न शिक्षकों का।भाजपा ने अध्यापकों का भरोसा खो दिया है।

हम सदैव शिक्षक और शिक्षा के साथ हैं।

आपका अखिलेश

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