Digital Attendance : डिजिटल उपस्थिति विवाद शिक्षकों ने कहा – एक्सपर्ट कमेटी का फैसला आने तक रोक लगाई जाए
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में इन दिनों शिक्षकों और छात्रों की डिजिटल अटेंडेंस (Digital Attendance) को लेकर चर्चा तेज है। इसी बीच, उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ ने इस प्रक्रिया में सख्ती न करने की मांग उठाई है। संघ ने इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र लिखकर अपनी बात रखी है।
डिजिटल उपस्थिति पर बनी थी समिति
संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि 16 जुलाई 2024 को तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई थी। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा और महानिदेशक स्कूल शिक्षा सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में यह तय किया गया था कि शिक्षकों की समस्याओं और सुझावों को सुनने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी (Expert Committee) बनाई जाएगी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया था कि जब तक कमेटी अपनी रिपोर्ट नहीं देती, तब तक डिजिटल अटेंडेंस लागू न की जाए।
कई जिलों में हो रही है मनमानी
अनिल यादव ने बताया कि इसके बावजूद कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी डिजिटल उपस्थिति और पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन को लेकर शिक्षकों पर दबाव बना रहे हैं। कुछ जगहों पर अनुपालन न करने पर नोटिस जारी कर कार्यवाही तक की जा रही है। संघ ने इसे मुख्य सचिव के आदेश की अवहेलना बताया है और मांग की है कि जब तक एक्सपर्ट कमेटी का निर्णय नहीं आता, तब तक किसी भी तरह की सख्ती न की जाए।
स्पष्ट निर्देश देने की मांग
बीटीसी शिक्षक संघ ने महानिदेशक से आग्रह किया है कि सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि वे मुख्य सचिव के आदेश के अनुसार यथास्थिति बनाए रखें और शिक्षकों पर अनावश्यक दबाव न डालें।




