कोर्ट ने दी चेतावनी : शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाएं या हाजिर हों अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के लिए कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश का पूर्ण अनुपालन करते हुए हलफनामा दाखिल किया जाए। अन्यथा बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार, शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा, बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल और सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी न्यायालय में अगली तिथि पर 18 सितंबर को हाजिर हों।. यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी की एकल पीठ ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना अर्जी पर दिया।
याची ने अवमानना अर्जी में कहा है कि राज्य सरकार यह कहते हुए बार-बार समय मांग रही है कि लगभग एक लाख चालीस हजार शिक्षामित्रों का मामला है। मानदेय बढ़ाने पर आर्थिक बोझ को देखते हुए विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के बीच में मंत्रणा चल रही है ताकि आदेश का समग्र अनुपालन किया जाए सके। बृहस्पतिवार को राज्य की ओर स्थायी अधिवक्ता ने आदेश का पालन करने के लिए एक माह का और समय मांगा।
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हाईकोर्ट के आदेश पर नहीं हुई कोई कार्यवाही
कोर्ट में बताया गया कि 2023 में जितेंद्र कुमार भारती सहित 10 अन्य ने शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने इस मांग को मानने से इन्कार कर दिया था हालांकि कोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय को न्यूनतम मानते हुए राज्य को समिति का गठन कर एक सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने का निर्देश दिया था। अब तक समिति का गठन व मानदेय बढ़ाए जाने पर सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं लिए जाने पर वाराणसी के विवेकानंद ने अवमानना याचिका दाखिल की है।