बेसिक शिक्षा विभाग सख्त , BEO खुद खाएंगे मिड डे मिल की गुणवत्ता परखने

बेसिक शिक्षा विभाग सख्त, बीईओ खुद खाएंगे मिड डे मिल की गुणवत्ता परखने

सहारनपुर: जिले district के सरकारी स्कूलों school में मिड डे मिल गुणवत्ता को लेकर विभागीय दावे पूरी तरह से फेल साबित हो रहे हैं। बेसिक स्कूलों school में बच्चों को मिड डे मिल के माध्यम से दिया जाने वाला भोजन अक्सर मानकों से बाहर होता है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।स्कूलों school में निरीक्षण के दौरान 70 फीसद से अधिक स्कूलों school में मिड डे मिल का खाना गुणवत्ता के मानकों को पूरा नहीं करता।

ये भी पढ़ें 👉 Cyber Fraud Case : ऑनलाइन ट्रेडिंग एप के चक्कर में दो भाइयों से 18 लाख की ठगी

ये भी पढ़ें 👉 शिक्षामित्रों को लेकर सरकार में हलचल तेज़! फैसले की घड़ी आयी नजदीक?

जानकारी के अनुसार, बच्चों को पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक खाना मिलना चाहिए, लेकिन सच्चाई यह है कि कई स्कूलों में मिड डे मिल बनाने में बरती जा रही लापरवाही के कारण बच्चों को सुरक्षित और उचित भोजन नहीं मिल रहा। यह स्थिति न केवल बच्चों के पोषण पर असर डाल रही है, बल्कि सरकारी योजनाओं yojnaon की निष्पक्षता और कार्यकुशलता पर भी सवाल खड़े कर रही है।

बेसिक शिक्षा विभाग सख्त
बेसिक शिक्षा विभाग सख्त

मिड डे मिल योजना yojna का उद्देश्य बच्चों को पोषक आहार प्रदान करना है, ताकि वे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें, लेकिन वास्तविकता इससे काफी अलग है। जिले में संचालित 1438 स्कूलों school में पंजीकृत लगभग दो लाख बच्चे हैं। बावजूद इसके, बच्चों को दिए जाने वाले खाने की गुणवत्ता में भारी गिरावट देखी जा रही है। निरीक्षण में यह भी सामने आया कि कई स्कूलों school में भोजन bhojan तैयार करने की स्वच्छता का भी पालन नहीं किया जा रहा है।

बेसिक स्कूलों basic school में मिड डे मिल के अंतर्गत बेहतर व स्वच्छ भोजन के निरीक्षण के लिए सभी बीईओ BEO को भी निर्देशित किया गया है, गुणवत्ता को परखने के लिए बीईओ BEO सप्ताह में दो दिन मिड डे मिल का खाना खाएंगे। कई स्कूलों school में लापरवाही बरती जा रही है, इसके लिए सख्त चेतावनी दी है। -कोमल, बीएसए BSA

Leave a Comment

WhatsApp Group Join