बड़ी खबर: शिक्षामित्रों को मूल विद्यालय में तैनाती के लिए करना होगा इंतजार
कौशाम्बी: मूल विद्यालय vidalaya में वापसी की राह देख रहे शिक्षामित्रों shikshamitro को अभी और इंतजार करना होगा। शासन स्तर पर इनको वापस मूल विद्यालय vidalaya में भेजने का निर्देश तो दिया गया है। लेकिन, इसका पालन कब होगा, इसको लेकर कोई स्पष्ट आदेश नहीं मिला है।बीएसए BSA कार्यालय में अब तक इनका डाटा Data ही नहीं पहुंचा। ऐसे में स्कूल खुलने से पहले वापसी संभव नहीं है।
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पुरुष शिक्षामित्रों shikshamitro का मूल विद्यालय vidalaya और महिला शिक्षामित्रों shikshamitro को ससुराल या फिर मायके के विद्यालय में वापसी का इंतजार अब तक खत्म नहीं हुआ है। करीब आठ साल से दूर के विद्यालय vidalaya में प्रतिदिन अल्प मानदेय mandey पर शिक्षा देते हैं। सबसे अधिक परेशानी महिला शिक्षामित्रों shikshamitro को हो रही है।
कई शिक्षामित्रों shikshamitro का तो पूरा मानदेय mandey ही केवल आने-जाने में खर्च हो रहा है। बता दें कि 25 जुलाई 2017 को सु्प्रीम कोर्ट SC ने प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक AT पद पर तैनात 1.70 लाख शिक्षामित्रों shikshamitro के समायोजन को निरस्त कर दिया था।
इसके बाद सभी को शिक्षामित्र के पद पर तैनात करने की प्रक्रिया शुरू हुई। दूसरे ब्लॉक और दूर के विद्यालय vidalaya में तैनात रहे शिक्षामित्र से शिक्षक बने अध्यापकों teacher को उनके मूल स्कूल में भेजने की तैयारी शुरू कर दी गई।
19 जून 2018 के बाद तमाम शिक्षामित्र अपने स्कूल लौट आए। जिले में तैनात 920 के करीब सर्व शिक्षा अभियान और करीब दो बेसिक के शिक्षामित्रों shikshamitro में 100 शिक्षामित्र shikshamitra किसी न किसी कारण से अपने मूल विद्यालय vidalaya वापस नहीं आ सके। यह अब भी दूरदराज के स्कूलों school में शिक्षण कार्य कर रहे हैं।
कई बार शासन से महिला शिक्षामित्रों shikshamitro को मायके या ससुराल और पुरुष शिक्षामित्रों shikshamitro को मूल विद्यालय vidalaya में भेजने की मांग उठाई जा चुकी है। इसके बाद भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। अब एक बार फिर से शासन ने इनको मूल विद्यालय vidalaya में भेजने की बात कही है। लेकिन, स्कूल खुलने से पहले वापसी संभव नहीं दिख रही है। विभाग vibhag के पास अब तक कोई डाटा ही नहीं आया कि वह बता सके कि कितने शिक्षामित्र shikshamitra मूल विद्यालय में तैनात नहीं हैं।
बोले शिक्षामित्र
— शिक्षामित्रों shikshamitro को मूल विद्यालय vidalaya में वापसी का इंतजार है। प्राथमिक विद्यालय vidalaya मोहमदाबाद में तैनात सविता सिंह बताती हैं कि उनको अपने ससुराल के विद्यालय कनैली में जाना है। करीब आठ साल से वापसी का इंतजार कर रहे हैं। 15 किमी रोज आना और जाना 10 हजार की नौकरी job के लिए कठिन है। यहां तक पहुंचने के लिए रास्ता भी नहीं है। प्रतिदिन आठ किमी पैदल चलना होता है।
वहीं सावित्री सिंह ने बताया कि वह सुकवारा विद्यालय vidalaya में तैनात हैं। लंबे समय से कटरा प्राथमिक विद्यालय vidalaya जाने का इंतजार कर रहे हैं। छह किमी रोज पैदल चलना पड़ता है। इसी प्रकार नाजमा को नेवादा से पुरखास आने का इंतजार है।
शिक्षामित्रों shikshamitro को उनके मूल विद्यालय vidalaya में भेजा जाना है। इसकी प्रक्रिया चल रही है। सभी ब्लॉकों से इनका डाटा मांगा गया है। डाटा मिलने के बाद शासन के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. कमलेंद्र कुशवाहा, बीएसए BSA