बड़ी खबर: उत्तर प्रदेश में इन संविदा कर्मियों को बड़ा झटका, बिना नोटिस नौकरी से बाहर!
लखनऊ: उत्तर प्रदेश UP पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) में कार्यरत संविदा कर्मियों के लिए एक बड़ा झटका लगा है। कई कर्मियों को बिना किसी नोटिस और बिना कोई स्पष्ट कारण बताए नौकरी से निकाल दिया गया।खास बात यह है कि इनमें से कई कर्मी 10 सालों year से कार्यरत थे और उन्हें अपनी नौकरी job में कोई कठिनाई नहीं आ रही थी। अचानक से उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया, और यह कदम ऐसे समय में उठाया गया जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ cm Yogi adityanath ने पहले ही विधानसभा में यह घोषणा की थी कि संविदा कर्मियों samvida Karmchari का उत्पीड़न नहीं किया जाएगा और उन्हें बिना कारण हटाया नहीं जाएगा।
ये भी पढ़ें 👉 UP के 16 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी: योगी सरकार ने 2% महंगाई भत्ता बढ़ाया, एक जनवरी से लागू
क्या है मामला?
संविदा कर्मियों samvida Karmchari का आरोप है कि उन्हें उनकी तकनीकी दक्षता और अनुभव के आधार पर नियुक्त किया गया था। इन कर्मचारियों karmchariyon के अनुसार, उन्हें बिना किसी लिखित आदेश या स्पष्ट कारण के नौकरी job से हटा दिया गया। उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के उच्च प्रबंधन से इस संबंध में कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है और कई कर्मियों karmchari ने यह भी आरोप लगाया है कि अधिकारी उनसे मिलकर इस मुद्दे पर बात करने से बच रहे हैं। इससे कर्मचारियों karmchariyon में गहरी निराशा और आक्रोश पैदा हो गया है।
गौरतलब है कि करीब 36 कर्मचारियों karmchariyon को बिना किसी पूर्व सूचना के नौकरी job से बाहर किया गया है। इस कदम के बाद, प्रभावित कर्मियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ऊर्जा मंत्री, मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव ऊर्जा से इस मामले का संज्ञान लेने की अपील की है। उनका यह भी कहना है कि उन्हें नौकरी से हटाने से पहले किसी प्रकार की जांच या समझौता नहीं किया गया, जो कि कर्मचारियों karmchariyon के लिए मानसिक और आर्थिक तौर पर अत्यधिक नुकसानदायक साबित हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ cm Yogi adityanath ने विधानसभा vidhansabha में यह स्पष्ट किया था कि संविदा कर्मियों samvida karmchariyon का उत्पीड़न नहीं किया जाएगा और उन्हें बिना कारण हटाया नहीं जाएगा। इस बयान के बाद, उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष द्वारा अचानक इस तरह का कदम उठाना यह साबित करता है कि प्रशासनिक स्तर पर कोई न कोई गड़बड़ी है। यह स्थिति संविदा कर्मियों samvida Karmchari के अधिकारों का उल्लंघन करती है और उन्हें न्याय मिलने की उम्मीदों को खत्म करती है।
संविदा कर्मियों samvida Karmchari की ओर से सीएम CM से मांग की गई है कि इस मुद्दे पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए और उन्हें वापस से नौकरी job पर बहाल किया जाए। उनका कहना है कि उन्हें तकनीकी कामकाजी ज्ञान और वर्षों का अनुभव प्राप्त है, जिसके चलते उन्हें बिना किसी न्यायसंगत कारण के बाहर किया जाना गलत है।