निपुण स्कूलों का साल में दो बार होगा मूल्यांकन, पढ़िए सूचना
हमीरपुर: प्राथमिक व कंपोजिट स्कूलों school के विद्यार्थियों को कक्षा दो तक निपुण बनाने के लिए इस बार बेसिक शिक्षा विभाग basic shiksha vibhag ने रणनीति अपनाई है। अब निपुण स्कूलों school का साल में दो बार मूल्यांकन कराया जाएगा।यह कार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) स्तर से कराया जाना है। इसमें डीएलएड प्रशिक्षु प्रतिभाग करेंगे। इसका यह उद्देश्य सुनिश्चित करना है कि कक्षा दो तक के छात्र-छात्राएं पढ़ने, समझने और गणना करने में पूरी तरह सक्षम बन सकें।
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महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं निदेशक बेसिक शिक्षा ने बीएसए BSA व डायट प्राचार्यों को निर्देश जारी किए हैं। मूल्यांकन की प्रक्रिया दिसंबर और फरवरी माह mahine में पूरी की जानी हैं। इस योजना yojna के तहत पाठ्यपुस्तकों के साथ वर्कबुक, गणित चार्ट और भाषा किट का उपयोग अनिवार्य किया गया है। इससे छात्रों की तर्क, विश्लेषण और अनुमान लगाने की क्षमता का विकास हो सकेगा।
सभी विद्यालयों vidalaya को निपुण विद्यालय vidalaya के रूप में विकसित करने के लिए वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक स्कूल में कम से कम 80 फीसदी बच्चे उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी और हर महीने पाठ्यक्रम को विषयवार पूरा करना अनिवार्य होगा।
बीएसए BSA आलोक सिंह ने बताया कि खंड शिक्षाधिकारी BEO अपने क्षेत्र के एक विद्यालय को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करेंगे। वहीं, एआरपी ARP को ब्लॉक के 10 स्कूलों school में मिशन की अवधारणाओं को लागू करना होगा।
एसआरजी, शिक्षक संकुल और पूर्व एआरपी अपने मूल विद्यालय vidalaya में मिशन के उद्देश्यों को लागू करेंगे। शिक्षकों teacher को प्रशिक्षणानुसार कक्षा में शिक्षण पद्धतियों को अपनाने, सतत छात्र मूल्यांकन करने और रेमेडियल क्लासेस चलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।