फर्जी दस्तावेज के सहारे बने प्रधानाध्यापक, सेवा समाप्त, पढ़िए पूरा मामला
अम्बेडकरनगर: बेसिक शिक्षा विभाग basic shiksha vibhag में फर्जी शैक्षिक अभिलेखों के आधार पर 1997 से नौकरी कर रहे मृतक आश्रित प्रधानाध्यापक headmaster को बर्खास्त कर दिया गया है। जांच के दौरान अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया था, लेकिन इनके साक्ष्य और अभिकथन संतोषजनक नहीं पाए गए।इन्होंने करीब 28 वर्षों year तक अवैध रूप से नौकरी करते हुए करीब 3 करोड़ 75 लाख रुपये का वेतन लिया। अब उनके खिलाफ वेतन वसूली और आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी BEO को आदेश जारी कर दिया गया है।
आईजीआरएस के माध्यम से बसखारी के चंदन मौर्य ने फर्जी अभिलेखों के आधार पर नौकरी job प्राप्त करने की शिकायत की थी। 15 जनवरी January 2024 को अनियमितता की जांच के लिए बसखारी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय vidalaya हरनीडीह में तैनात प्रधानाध्यापक राकेश कुमार के दस्तावेजों document की प्रमाणित प्रतियां मांगी गई थीं। इसके बाद प्रधानाध्यापक headmaster ने अंक पत्र सत्य होने का दावा प्रस्तुत किया।
ऐसे में उत्तर मध्यमा व पूर्व मध्यमा अंक पत्र सत्यापन के लिए संपूर्णानंद विश्वविद्यालय बनारस को भेजी गई, जिनके सत्यापन के बाद अंकपत्र फर्जी पाया गया। अंतिम सुनवाई के बाद 24 जून June को राकेश कुमार पर लगे सभी आरोप सही पाए गए थे। प्रभारी बीएसए BSA प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि फर्जी दस्तावेजों document का खुलासा होने के बाद स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। ऐसे में उसे बर्खास्त करते हुए रिकवरी व एफआईआर FIR दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं।