UP के युवाओं के लिए अच्छी खबर ; स्मार्टफोन बांटेगी सरकार, सीएम योगी जल्द लेंगे फैसला

By Jaswant Singh

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UP के युवाओं के लिए अच्छी खबर ; स्मार्टफोन बांटेगी सरकार, सीएम योगी जल्द लेंगे फैसला

योगी सरकार अब लाखों युवाओं को स्मार्टफोन बांटने के बाबत जल्द फैसला करेगी। इसके बाद युवाओं को लगभग 10 हजार रुपये की कीमत का स्मार्टफोन वितरण का रास्ता साफ होगा। इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री करेंगे।

यूपी के युवाओं के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश के लाखों युवाओं को योगी सरकार स्मार्टफोन बांटेगी। इसको लेकर जल्द ही सीएम योगी फैसला लेंगे। सीएम योगी के फैसले के बाद युवाओं को लगभग 10 हजार रुपये की कीमत का स्मार्टफोन वितरण का रास्ता साफ होगा। इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री करेंगे। औद्योगिक विकास विभाग ने स्वामी विवेकानंद योजना के अंतर्गत टैबलेट व स्मार्टफोन वितरण के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर लिया है।

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 असल में औद्योगिक विकास विभाग के मंत्री नंद गोपाल नंदी द्वारा पिछले महीने औद्योगिक विकास विभाग की काम में ढिलाई को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए पत्र लिखा गया था। उसमें यह भी कहा गया कि विभाग ने घोषणा व बजटीय प्रावधान के बावजूद युवाओं को स्मार्टफोन वितरण की योजना पर काम नहीं किया। इससे 3100 करोड़ रुपये का बजट लैप्स हो गया और युवा निराश हो गए।

विभागीय सूत्रों को कहना है कि उच्च स्तर पर स्मार्ट फोन बांटने की योजना की उपयोगिता पर ही संशय जताया गया था। इसलिए यह मामला धीमा हो गया। टैबलेट वितरण तो पिछले साल हो गया। अब कैबिनेट तय करेगी कि टैबलेट व स्मार्टफोन ही बांटना है या केवल टैबलेट वितरित होगा।

मंत्री कई मुद्दों पर अफसरशाही से खफा

मंत्री ने औद्योगिक प्राधिकरणों में आने वाले तमाम मामलों में सुनवाई के अधिकार को लेकर भी सवाल उठाया है। उन्होंने एक अधिकारी के अनियमितता की जांच आगे न बढ़ाने की बात भी कही। उन्होंने लखनऊ लीडा मास्टर प्लान 2040 में ग्रीन बेल्ट न छोड़ने का भी सवाल उठाया। विभागीय सूत्रों का कहना कि इसी लीडा मास्टर प्लान को मंत्री ने खुद ही अप्रूवल दिया।

विभाग आपत्तियों का जवाब मुख्यमंत्री कार्यालय भेजेगा

मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में दर्जन भर से ज्यादा मामलों पर एतराज जताते हुए लिखा था कि विभाग में कुछ वरिष्ठ अधिकारी न सिर्फ आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं, बल्कि नीतियों के खिलाफ काम कर रहे हैं। अब विभाग इस मामले में बिंदुवार जवाब मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजने की तैयारी कर रहा है। सभी संबंधित प्राधिकरणों और अनुभागों से बिंदुओं के जवाब मांग कर उन्हें संकलित कर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जाएगा।

महीनों तक अफसर लंबित रखते हैं फाइल

मंत्री ने पत्र में आरोप लगाया है कि विभागीय अधिकारी कई अहम फाइलें महीनों से लंबित रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा खुद आदेश देने के बावजूद अब तक प्रस्तुत नहीं की गईं। कुछ फाइलें पहले भेजी गईं, फिर यह कहा गया कि मिल नहीं रही है लेकिन बाद में उन्हीं फाइलों को नए सिरे से पुनर्गठित कर पेश कर दिया गया है। यह भी कहा गया कि कार्य विभाजन से संबंधित पत्रावली 16 जून 2024 को आईआईडीसी को भेजी गई थी, लेकिन बाद में कहा गया कि वह मिल नहीं रही है। आखिर में दिसंबर 2024 में नई पत्रावली बनाकर प्रस्तुत कर दी गई। ऐसे में मंत्री ने सवाल उठाया कि मूल पत्रावली कहां गई हैं?

तबादलों को लेकर उठे सवाल

औद्योगिक विकास मंत्री ने विभाग में तबादलों को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। मंत्री का आरोप है कि कई अधिकारी जो लंबे समय से एक जगह ही तैनात हैं। उनके तैनाती स्थल में परिवर्तन नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा कुछ अधिकारियों के तबादले कहने के बाद भी नहीं किए जा रहे हैं। विभाग के अधिकारी के मुताबिक, तबादले शासन की तय नीति के मुताबिक ही किए जाएंगे। ऐसा नहीं होगा कि 20 साल से जमे अधिकारी का तबादला न किया जाए और दो साल से जमे अधिकारी को हटा दिया जाए।

सिंगल विंडो एक्ट न बनने पर भी एतराज

सिंगल विंडो एक्ट न बनने पर सवाल खड़े करते हुए मंत्री ने कहा कि लंबे समय से घोषणा होने के बाद भी इस दिशा में कोई काम नहीं किया गया। जिसकी वजह से निवेशकों को दिक्कतें आ रही हैं। विभाग का कहना है कि इससे संबंधित कैबिनेट प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

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