संविदा कर्मियों को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला, वेतन भुगतान और ईपीएफ, ESI के भी निर्देश जारी

By Jaswant Singh

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संविदा कर्मियों को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला, वेतन भुगतान और ईपीएफ, ESI के भी निर्देश जारी

UP के लाखों संविदाकर्मिों samvida karmchariyon को लेकर योगी सरकार yogi government बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार yogi government ने संविदाकर्मियों samvida karmchariyon के वेतन vetan भुगतान से लेकर ईपीएफ, ईएसआई को लेकर भी निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही आउटसोर्सिंग कार्मिकों (संविदा कर्मियों) के श्रम अधिकारों, पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा की रक्षा के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन की सरकार government ने मंजूरी भी दी है।मुख्यमंत्री CM ने कहा कि यह निगम प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों karmchariyon के जीवन में स्थायित्व और भरोसा सुनिश्चित करेगा।

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गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक meeting में मुख्यमंत्री CM ने प्रस्तावित निगम की कार्यप्रणाली तय करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री CM ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन विकेन्द्रीकृत तरीके से होता है, जिसके कारण समय पर वेतन न मिलना, वेतन में कटौती, ईपीएफ/ईएसआई लाभों से वंचित रहना, पारदर्शिता की कमी और उत्पीड़न जैसी अनेक शिकायतें मिलती हैं। मुख्यमंत्री CM ने निर्देश दिए कि प्रस्तावित निगम का गठन कंपनी एक्ट के तहत किया जाए।

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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और एक महानिदेशक की नियुक्ति की जाएगी। मंडल व जिला स्तर पर भी समितियों का गठन किया जाएगा। एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल Portal के माध्यम से न्यूनतम तीन वर्षों year के लिए किया जाएगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वर्तमान कार्यरत कार्मिकों karmchariyon की सेवाएं बाधित न हों और चयन प्रक्रिया में उन्हें अनुभव के आधार पर वेटेज मिले।

आउटसोर्सिंग कार्मिकों का पारिश्रमिक प्रत्येक माह की 05 तारीख तक खाते में

मुख्यमंत्री CM ने निर्देशित किया कि सभी आउटसोर्सिंग कार्मिकों outsource karmchariyon का पारिश्रमिक प्रत्येक माह की 05 तारीख Date तक सीधे उनके बैंक खाते account में भेजा जाए तथा ईपीएफ EPF और ईएसआई की रकम समय से जमा हो। साथ ही ईपीएफ, ईएसआईसी तथा बैंकों bank से अनुमन्य सभी लाभ भी कर्मचारियों karmchariyon को प्रदान किए जाएं। निगम को रेगुलेटरी बॉडी की भूमिका में रखा जाए जो एजेंसियों की कार्यप्रणाली की निगरानी करे और नियमों के उल्लंघन पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबारमेंट, पेनाल्टी एवं वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करे। प्रस्तावित निगम द्वारा की जाने वाली सभी नियुक्तियों में एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, महिला, दिव्यांगजन और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण प्रावधानों का पूर्णतः पालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री CM ने निराश्रित, तलाकशुदा व परित्यक्ता महिलाओं को भी प्राथमिकता देने की बात कही है।

नियमित पदों के जगह आउटसोर्सिंग सेवा नहीं ली जाएगी

मुख्यमंत्री CM ने यह भी निर्देश दिए कि नियमित पदों के विरुद्ध कोई भी आउटसोर्सिंग outsourcing सेवा नहीं ली जाए। चयन के बाद कोई भी कार्मिक तब तक सेवा से मुक्त न किया जाए, जब तक संबंधित विभाग vibhag के सक्षम अधिकारी की संस्तुति न हो। उत्तर प्रदेश UP आउटसोर्स सेवा निगम प्रदेश की प्रशासनिक प्रणाली में एक नई पारदर्शिता और जवाबदेही का अध्याय जोड़ेगा। इससे न केवल राज्य के लाखों lakho आउटसोर्सिंग कर्मियों outsourcing को लाभ मिलेगा, बल्कि प्रशासनिक दक्षता भी बढ़ेगी।

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