MDM का अलग-अलग हिसाब, नहीं हटेंगे रसोइया
बस्ती। बेसिक शिक्षा विभाग कम छात्र संख्या वाले परिषदीय स्कूलों का विलय कर रहा है। दोनों स्कूल के बच्चे साथ-साथ पढ़ेंगे और साथ ही मध्यान्ह भोजन करेंगे। लेकिन इसका हिसाब अभी अलग-अलग रखा जाएगा। साथ ही रसोइयों को भी हटाया नहीं जाएगा और उनकी सेवा उस स्कूल पर लिया जाएगा, जहां विद्यालय मर्ज किया गया है। बीएसए अनूप कुमार तिवारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा है कि युम्मित स्कूल विद्यालय के परिसर में दोनों विद्यालयों का साथ संचालन होगा। दोनों विद्यालयों में उपलब्ध शैक्षिक स्टॉफ के अनुसार समय-सारणी बनाकर बच्चों का नियमित पठन-पाठन कराया जाए। दोनों विद्यालय अपनी सभी प्रकार की पंजिकाओं का अलग-अलग अपडेट करेंगे।
एमडीएम में प्राइमरी व उच्च प्राइमरी में कर्वजन कास्ट से लेकर अनाज आदि की लागत व मानक अलग-अलग है। युग्मित स्कूल में प्राइमरी या तो उच्च प्राइमरी में मर्ज किया गया है या फिर उच्च प्राइमरी को प्राइमरी स्कूल में मर्ज किया गया है। दोनों ही दशा में फिलहाल वहां पूर्व से लागू व्यवस्था के साथ ही यहां अब पढ़ने वाले बच्चों के मध्यान्ह भोजन का रिकॉर्ड अलग से अपडेट किया जाएगा। जिससे एमडीएम के भुगतान में किसी तरह की समस्या न हो। इसके साथ ही मर्ज हुए स्कूल में कार्यरत रसोइया भी अब इन स्कूलों में अपनी सेवाएं देंगी। जिले में बुधवार तक 115 परिषदीय स्कूलों का विलय किया जा चुका है। इनमें प्राइमरी व उच्च प्राइमरी स्कूल शामिल हैं। इन विलय किए गए स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों की कुल संख्या लगभग 3000 बताई जा रही है। एक जुलाई से इन बच्चों को अब नए स्कूल में पढ़ाई के लिए पहुंचने की व्यवस्था बनी है। विभागीय अफसरों का कहना है कि जिले में ऐसे परिषदीय विद्यालयों की सूची बनाई गई है, जहां नामांकन बेहद कम है।
नजदीकी स्कूलों के साथ इनकी मैपिंग भी हुई है। साथ ही खंड शिक्षा अधिकारियों से स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही अभिभावकों, शिक्षकों व अन्य हितधारकों से संवाद स्थापित कर उनकी राय भी विलय के संबंध में ली गई। इस पूरी प्रक्रिया को लेकर शिक्षक संगठन लगातार अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। मंगलवार को गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूल खुलने के साथ ही सदर ब्लॉक के कुड़ी गांव के अभिभावकों व ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर कड़ा विरोध जताया था। — परिषदीय
स्कूलों में किताब संग वर्कबुक का इंतजार बस्ती। गर्मी की छुट्टी के बाद एक जुलाई से परिषदीय स्कूलों में फिर से पढ़ाई शुरू हो चुकी है। लेकिन अभी भी कई स्कूलों में किताबों का वितरण पूरा नहीं हो सका है। इसका मुख्य कारण मुख्यालय से किताबों की आपूर्ति देर से होना रहा। खासकर कक्षा एक व दो के बच्चों की किताबों की आपूर्ति मई/जून माह में शुरू हुई। लिहाजा अब स्कूल खुलने के साथ ही किताबों का वितरण शुरू कर दिया गया है। बीएसए अनूप कुमार तिवारी का कहना है कि किताबों की उपलब्धता सभी बीआरसी पर स्कूल खुलने से पहले ही करा दी गई थी।
स्कूल खुलने के साथ ही वितरण शुरू करा दिया गया है। कक्षा तीन की वर्कबुक की उपलब्धता होते ही इसका वितरण शुरू करा दिया जाएगा। बहादुरपुर के प्रभारी बीईओ प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने बताया कक्षा तीन से आठ तक की किताबें पहले आ गई थीं, जिनका वितरण हो चुका है। एक व दो की किताबें अब आई हैं। इनका वितरण गुरुवार से शुरू कर दिया जाएगा। बीईओ रामनगर धीरेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि कक्षा एक व दो की पुस्तकें जून माह में उपलब्ध हुई हैं। शेष बचे 10 फीसदी स्कूलों में पुस्तक वितरण कराया जा रहा है। कप्तानगंज के बीईओ ने बताया कि एक और दो की किताबें देर से आई हैं। जल्द ही सभी स्कूलों में वितरण पूरा हो जाएगा। बीईओ गौर बड़कऊ वर्मा ने बताया कि कुछ किताबें अभी नहीं आई हैं। लालगंज क्षेत्र में वितरण कराया जा रहा है।