विद्यालयों के मर्ज प्रक्रिया से शिक्षा मित्रों व रसोईयों के रोजगार पर संकट के बादल
शासनादेश पर 50 से कम नामांकन संख्या वाले परिषदीय विद्यालायों vidalaya नदीकी विद्यालयों vidalaya में मर्ज करने को लेकर कार्यवाही होनी शूरू हो गई है। जिसके चलते जिले District में अभी तक 29 परिषदीय विद्यालयों vidalaya को मर्ज किया जा चुका है।
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वही मर्ज हुए विद्यालयों vidalaya में कार्यरत शिक्षा मित्र shikshamitra व रसोईयों पर भी खतरे के बादल गहरा सकते है। जिले में बेसिक शिक्षा विभाग basic shiksha vibhag द्वारा शासनादेश पर जिले District भर से 50 से कम नामांकन वाले 96 परिषदीय विद्यालयों vidalaya को चिन्हित कर सूची भेजी गई है। जिनमें से अभी तक 29 विद्यालयों vidalaya को मर्ज किया जा चुका है। जिसके चलते यह प्रक्रिया अभी जारी है।
वही स्कूलों school के मर्ज होने के साथ साथ शिक्षा मित्र व रसोईयों की नौकरी job पर भी खतरे के बादल मंडराते हुए दिखाई दे रहें है। जिसको देखते हुए भारतीय किसान यूनियन शिक्षक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों ने गत दिवस सदर विधायक को पांच सूत्रीय ज्ञापन दिया था। जिसमें शिक्षक प्रकोष्ठ द्वारा अवगत कराया गया था।
कि शासन के निर्देशानुसार कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों vidalaya को समीप के गाँव के परिषदीय विद्यालय vidalaya में विलय करने के चलते, विद्यालय vidalaya विलय होने से भोजनमाताओं के रोजगार पर संकट आ जायेगा। विद्यालय vidalaya विलय होने से अनुदेशको एवं शिक्षामित्रों shikshamitro का रोजगार भी प्रभावित होगा।
विद्यालय vidalaya विलय होने से शिक्षकों, अनुदेशको और शिक्षामित्रों shikshamitro के नवीन पद सृजित नहीं होंगे, जिससे जनपद के युवाओं को रोजगार नहीं मिलेगा। साथ ही छोटे छोटे मासून बच्चे शिक्षा से सदा के लिए वंचित रह जायेंगे। एक गाँव से दूसरे गांव का रास्ता सुनसान खेतों से होकर गुजरता है। इसके कारण विशेषकर बेटियां पूर्व की भांति पुनः शिक्षा से वंचित रह जाएंगी।