UP: बेसिक शिक्षा विभाग का बाबू निकला करोड़पति, विजिलेंस के जांच करने में लगे दो साल; इतना कर डाला खर्च
एटा के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात की संपत्ति देखकर विजिलेंस अधिकारी भी हैरान रह गए। खुद की आय से अधिक इस बाबू ने करीब 50 लाख से अधिक खर्च कर डाला। एटा के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात बाबू जितेंद्र प्रताप सिंह आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंस गया है। उनके खिलाफ आगरा सेक्टर के विजिलेंस थाना में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि उन्होंने अपने सेवा काल में आय के वैध स्रोतों के सापेक्ष अधिक संपत्ति अर्जित की।
एसपी विजिलेंस आलोक शर्मा ने बताया कि जितेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ वर्ष 2023 में आय से अधिक संपत्ति की शिकायत की गई थी। इस पर 6 मार्च 2023 को शासन ने खुली जांच के आदेश किए। मामले में 17 मार्च 2025 को शासन को रिपोर्ट भेजी गई थी। खुली जांच में सामने आया कि लिपिक ने लोकसेवक के रूप में कार्य करते हुए ज्ञात वैध स्रोतों से कुल 9430527 रुपये की आय प्राप्त की, जबकि उन्होंने भरण पोषण और संपत्ति के अर्जन पर 14498366 रुपये का खर्च किया।
उन्होंने अपनी आय से 5067839 रुपये अधिक खर्च किए। वह इस अधिक खर्च के बारे में कोई संतोषजनक जानकारी नहीं दे सके। इस पर उनके खिलाफ विजिलेंस की निरीक्षक गीता सिंह ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) के तहत केस दर्ज कराया है। साक्ष्य संकलन कर कार्रवाई की जाएगी।
साल 2000 में डायट में बाबू के पद पर हुई थी तैनाती
आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग के बाबू जितेंद्र प्रताप सिंह तोमर पर आगरा में मुकदमा दर्ज हो चुका है। जिले में साल 2000 में डायट में बाबू के पद पर उनकी तैनाती हुई थी। वर्तमान में वह राजकीय कन्या इंटर कॉलेज रामनगर में तैनात हैं।
डायट में तैनाती के बाद उन्हें बीएसए कार्यालय में साल 2005 में तैनात किया गया। साल 2012 में बीएसए कासगंज कार्यालय में तैनाती रही। वहां शिकायतें मिलने के बाद इन्हें हटा दिया गया। 2013 में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज लालगढ़ी में तैनात कर दिया गया। एक साल बीतने के बाद 2014 में फिर बीएसए कासगंज कार्यालय में संबद्ध कर दिया गया। साल 2017 में बीएसए एटा कार्यालय में तैनात किया गया।
साल 2022 से अब तक वह राजकीय कन्या इंटर कॉलेज रामनगर में तैनात हैं। उनके ताऊ योगेंद्र पाल सिंह ने साल 2019-20 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद विजिलेंस आगरा द्वारा जांच की जा रही थी। जांच के बाद विजिलेंस थाना आगरा में रिपोर्ट दर्ज की गई है।