शिक्षामित्रों का बढ़े मानदेय, सुविधाएं मिलें तो सुधरे जिंदगी
परिषदीय स्कूलों school में शिक्षामित्र अहम किरदार निभा रहे हैं। वर्ष year 1999 से ये लोग शासन-प्रशासन के दिए हर आदेश का पालन भी कर रहे हैं। स्कूलों school में पढ़ाने के साथ ही चुनाव से जुड़े विभिन्न कार्य भी कर रहे।पल्स पोलियो, बाल गणना, जनगणना, पशु गणना आदि सरकारी अभियानों को सफल बनाने में मेहनत भी कर रहे हैं।
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सभी कार्यों को सफलतापूर्वक करने के बाद भी शिक्षामित्रों shikshamitro की दुश्वारियों का खात्मा नहीं हो रहा है। 7 वर्ष से मानदेय mandey बढ़ा नहीं है। जो, मानदेव मिलता है, उसमें गुजारा नहीं होता। अतिरिक्त कार्यों का भत्ता भी नहीं मिलता है। शिक्षा मित्र shikshamitra अपनी दिक्कतें बताते हुए मायूसी के साथ यह सवाल उठाते हैं कि आखिर कब बदलेगी हमारी किस्मत? वर्ष year 1999 में शिक्षामित्र योजना yojna की प्रदेश Pradesh में शुरूआत हुई थी।
अपनी नियुक्ति से लेकर आज तक शिक्षामित्रों shikshamitro का जीवन संघर्ष में ही बीता है। समायोजन smayojan के समय वेतन-सुविधाएं बढ़ीं तो, लगा कि जीवन अब पटरी पर आ जाएगा, लेकिन समायोजन smayojan रदद होने के बाद स्थितियां फिर से वैसी ही हो गईं। हिन्दुस्तान से बात करते हुए शिक्षामित्र shikshamitra कहते हैं कि हम लोग भले ही बच्चों को पढ़ाने का काम करते हों मगर हमारी स्थिति कई बार मजदूरों से भी बदतर हो जाती है। मात्र दस हजार रुपये महीने mahine मानदेय मिलता है।
उसके बाद भी न तो आयुष्मान योजना yojna का लाभ मिलता है और न ही ईएसआई कटता है। इसके अलावा हम लोगों के राशन कार्ड ration card भी नहीं बनते हैं। पुराने राशन कार्ड ration card निरस्त होने से दिक्कत और ज्यादा बढ़ गई। हर वर्ष शीतकाल और ग्रीष्मकाल की छुटिटयों में 15-15 दिनों day’s के लिए शिक्षामित्र shikshamitra को मानदेय mandey नहीं मिलता है। सीधे तौर पर देखा जाए तो, वर्ष के इन दिनों में हम बेरोजगार हो जाते हैं। पहले केवल जून के महीने mahine में ऐसा होता था। तब कम से कम एक महीने mahine कहीं और काम तो किया जा सकता था। अब तो वह भी संभव नहीं है।
शिक्षामित्रों shikshamitro के मन में छुट्टियों Holiday को लेकर भी बड़ी कसक हैं। वो कहते हैं, शिक्षक teacher की भांति हम लोगों को आकस्मिक अवकाश चिकित्सीय अवकाश व बाल्यकाल देखभाल अवकाश मिलना चाहिए। बीएलओ BLO ड्यूटी duty से मुक्त रखने की मांग बहजोई। शिक्षामित्र कहते हैं, हम लोग पूरे साल बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं। यही काम शिक्षक teacher भी करते हैं, लेकिन दोनों के वेतन को लेकर असमानता है। शिक्षामित्र मात्र 10 हजार रुपये माह में अपना व परिवार का पालन पोषण कर रहा है। इस बार जिला प्रशासन से मांग है कि शिक्षामित्रों shikshamitro को पंचायत चुनाव के लिए बीएलओ BLO डयूटी से मुक्त रखा जाए या फिर उसी गांव की सूची का काम दिया जाए, जिस गांव में उनकी तैनाती है। 7 साल से नहीं बढ़ा मानदेय बहजोई।
शिक्षामित्र कहते हैं, सात वर्ष से हमारा मानदेय नहीं बढ़ा है। इन सात वर्षों में पेट्रोल व रसोई गैस के दाम लगभग दोगुने हो गए। बाकी खर्च भी आसमान छू रहे हैं। शिक्षामित्रों shikshamitro का कहना था कि बीमा Bima का लाभ मिलना चाहिए। समायोजन smayojan के बाद बीमा के नाम पर 87 रुपये महीना mahine कटना शुरू हुआ था, जो समायोजन के बाद बंद हो गया। इलाज के लिए भी कोई सुविधा नहीं है। बोले शिक्षामित्र शिक्षामित्र अल्प मानदेय mandey मिलने के कारण प्रतिदिन बढ़ती महंगाई में विकट आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। सरकार को चाहिए कि मानदेय mandey बढ़ाकर 40 हजार रुपये प्रतिमाह करना चाहिए। जिससे शिक्षामित्र सम्मानजनक जीवन जी सके।
श्रीराम सैनी, जिलाध्यक्ष, आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन संभल — हम लोग मात्र दस हजार रुपये महीने के मानदेय में काम कर रहे हैं। हमें परिवार सहित आयुष्मान योजना समेत अन्य सरकारी योजनाओं yojnaon का लाभ प्राथमिकता पर दिया जाना चाहिए। सरकार government की ओर से बीमा होना चाहिए। जिससे किसी भी अप्रिय घटना होने पर परिवार को भटकना न पड़े। उमेश कुमार शौली, जिला महामंत्री शिक्षामित्र न्यूनतम संसाधनों में गुजर-बसर कर रहे हैं। आर्थिक संकटों से भी जूझना पड़ता है। महिला शिक्षामित्रों shikshamitro को मैटरनिटी लीव और सीसीएल CCL समेत स्थानांतरण की सुविधा मिलनी चाहिए। सुभाष बाबू, शिक्षामित्र सभी शिक्षामित्रों shikshamitro के राशन कार्ड ration card तत्काल बनाए जाने चाहिए।
कम से कम उन्हें खाद्यान्न वितरण योजना yojna का लाभ तो मिल सकेगा। कई परिवार ऐसे हैं, जिन्हें इसकी बड़ी जरुरत है। राजेंद्र पाल, शिक्षामित्र क्या कहते हैं जिम्मेदार शिक्षामित्रों shikshamitro की समस्याओं के समाधान के लिए शासन स्तर पर पत्राचार किया जाएगा। इसके अलावा सरकारी योजनाओं yojnaon के लाभ के लिए संबंधित विभागों से समंवय बनाते हुए लाभांवित कराया जाएगा। अलका शर्मा, बीएसए, संभल