Vat Savitri Vrat 2025: वट सावित्री व्रत 26 या 27 मई कब ? मुहूर्त से लेकर व्रत की सभी जानकारी एक क्लिक में जानिए
इस बार वट सावित्री व्रत vat Savitri veat और सोमवती अमावस्या somvati amavasya का खास संयोग बन रहा है. वट सावित्री व्रत 26 मई May को है. ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले सारे व्रतों में वट सावित्री व्रत vat Savitri veat को बहुत प्रभावी माना जाता है जिसमें सौभाग्यवती महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सभी प्रकार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं
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वट सावित्री व्रत vat Savitri vrat ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से अमावस्या amavasya तक उत्तर भारत में और ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में इन्हीं तिथियों में वट सावित्री व्रत दक्षिण भारत में मनाया जाता है. वट सावित्री व्रत vat Savitri vrat को उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा समेत कई जगहों पर मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि जितनी उम्र बरगद के पेड़ की होती है, सुहागिनें भी बरगद के पेड़ की उम्र के बराबर अपने पति की उम्र मांगती हैं
वट सावित्री व्रत 2025 तिथि
पंचांग के मुताबिक वट सावित्री व्रत vat Savitri vrat ज्येष्ठ मास की अमावस्या amavasya तिथि पर रखा जाता है. इस साल ज्येष्ठ माह mahine की अमावस्या तिथि की शुरुआत 26 मई 2025 को दिन में 12:11 मिनट पर हो रही है. इसका समापन अगने दिन यानी 27 मई May 2025 को सुबह 8:31 मिनट पर होगा. ऐसे में 26 मई 2025 को वट सावित्री व्रत vat Savitri vrat का व्रत रखा जाएगा
शुभ योग
26 मई 2025 को वट सावित्री व्रत vat Savitri vrat के दिन भरणी नक्षत्र बन रहा है, जो सुबह 8:23 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा इस तिथि पर शोभन व अतिगण्ड योग का संयोग रहेगा. वट सावित्री के दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11:54 से दोपहर 12:42 तक रहेगा.
सोमवती अमावस्या का दुर्लभ संयोग
27 मई May को सूर्योदय कालीन अमावस्या होने से इस दिन अमावस्या amavasya का स्नान दान किया जा सकेगा. इस दिन भौमवती अमावस्या amavasya रहेगी लेकिन अबकी बार 26 मई May को सोमवार होने से ज्येष्ठ अमावस्या amavasya पर सौभाग्यदायक सोमवती अमावस्या amavasya का भी संयोग बनेगा.
ऐसे में सुहाग की लंबी उम्र की कामना से जो सुहागन महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखेंगी उनको यमराज के साथ शिवजी की कृपा का भी लाभ मिलेगा. इस पर उत्तम संयोग यह भी है कि इस दिन चंद्रमा अपनी राशि वृषभ में संचार करेंगे. वट सावित्री पर बना यह संयोग भी व्रतियों के लिए उत्तम फलदायी है