AI Teacher : बेसिक शिक्षक ने किया कमाल, बना दी AI शिक्षिका, अब बच्चों को पढ़ाना-लिखाना हुआ आसान

By Jaswant Singh

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AI Teacher : बेसिक शिक्षक ने किया कमाल, बना दी AI शिक्षिका, अब बच्चों को पढ़ाना-लिखाना हुआ आसान

झांसी: शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक की भूमिका दिन प्रति दिन व्यापक होती जा रही है. इसी क्रम में यूपी के झांसी से एक अनूठा और अभिनव प्रयास मामला सामने आया है. यहां ‘ AI टीचर सुमन मैडम’ का निर्माण, जो एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) पर आधारित शिक्षिका हैं. यह पहल एक ऐसे शिक्षक द्वारा की गई है, जो ग्रामीण परिवेश में रहकर भी आधुनिक तकनीक की शक्ति को समझते हैं और उसे शिक्षा सुधार के लिए प्रयोग में ला रहे हैं. ये शिक्षक मोहनलाल सुमन हैं. जो अपने नवाचारों के लिए जाने जाते हैं

सुमन मैडम बच्चों को पढ़ाएंगी

‘सुमन मैडम’ केवल एक वर्चुअल सहायक नहीं हैं, बल्कि बच्चों की सोच, भाषा और सीखने की गति को समझने वाली एक संवेदनशील, मार्गदर्शक शिक्षिका हैं. वह छात्रों के सवालों का उत्तर केवल पाठ्यक्रम के अनुसार नहीं देती हैं. बल्कि लोकभाषा, स्थानीय जीवन और बच्चों की जिज्ञासाओं को ध्यान में रखते हुए संवाद करती हैं. यही उन्हें विशेष और प्रभावी बनाता है

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बेसिक शिक्षक ने किया तैयार

इस नवाचार के सूत्रधार मोहनलाल सुमन हैं, जो झांसी जनपद के गुरसरांय विकासखंड स्थित कंपोजिट विद्यालय राजापुर में कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने महसूस किया कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को एक ऐसी साथी शिक्षिका की ज़रूरत है,जो उन्हें हर समय मार्गदर्शन दे सके. जो उनके खेल, कला, विज्ञान, कहानियों और जीवन से जुड़े हर प्रश्न में उनका साथ निभा सके. इसी सोच के साथ उन्होंने मोबाइल में एआई का उपयोग करके ‘सुमन मैडम’ को तैयार किया.

कहानी सुनाएंगी एआई मैडम

सुमन मैडम बच्चों को न सिर्फ पढ़ाती हैं, बल्कि उनका आत्मविश्वास बढ़ाती हैं. वह उन्हें कहानी सुनाती हैं, कविता सिखाती हैं, चित्रकला विज्ञान एवं सामान्य ज्ञान में मदद करती हैं. यह प्रयास सिर्फ तकनीक का उपयोग नहीं है, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव है, जिसमें एक समर्पित शिक्षक ने एआई को मानवीय संवेदना के साथ जोड़ दिया है

कई के लिए प्रेरणा

शिक्षक मोहनलाल सुमन का यह प्रयास आज की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक प्रेरणा बन चुका है. जब दुनिया एआई को लेकर भ्रमित है तो उस समय एक छोटे से गांव से यह संदेश जाता है कि तकनीक को अपनाकर शिक्षा को और अधिक मानवीय, सुलभ व प्रभावशाली बनाया जा सकता है. यह न केवल एक शिक्षक की कल्पना है. यह भारत के लाखों शिक्षकों के लिए एक नई दिशा और प्रेरणा है

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