सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी: CGHS के नए बिलिंग नियम लागू, जानें क्या बदला है
CGHS New Rules 2025 : केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी राहत दी है। सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) के तहत नई दरें और बिलिंग नियम 13 अक्टूबर 2025 से लागू हो गए हैं। अब इलाज की प्रक्रिया और भुगतान प्रणाली दोनों को पूरी तरह डिजिटल बना दिया गया है।
इस बदलाव से करीब 46 लाख CGHS लाभार्थियों को फायदा मिलने की उम्मीद है। नई दरें अब अस्पताल की मान्यता, शहर की श्रेणी, अस्पताल की कैटेगरी और मरीज के वार्ड के आधार पर तय होंगी।
10 साल बाद हुआ बड़ा बदलाव
CGHS दरों में आखिरी बार साल 2014 में संशोधन हुआ था। तब से अब तक केवल कुछ छोटे अपडेट किए गए थे। पुराने रेट के कारण कई निजी अस्पताल कैशलेस इलाज देने से इनकार कर देते थे।
इस वजह से मरीजों को खुद भुगतान करना पड़ता था और फिर महीनों तक रिफंड का इंतजार करना पड़ता था। अब सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए दरों में सुधार के साथ डिजिटल बिलिंग सिस्टम लागू किया है, जिससे पूरी प्रक्रिया आसान और पारदर्शी बन जाएगी।
नया डिजिटल सिस्टम: TMS 2.0, UMP और HEM 2.0
अब CGHS को NHA (National Health Authority) प्लेटफॉर्म पर माइग्रेट कर दिया गया है।
नई डिजिटल प्रणाली के तहत मरीजों को इलाज के समय OTP वेरिफिकेशन करना होगा। इसके लिए लाभार्थी का मोबाइल नंबर CGHS डेटाबेस में रजिस्टर्ड होना चाहिए।
यदि मोबाइल नंबर पुराना या गलत है, तो उसे नजदीकी CGHS वेलनेस सेंटर जाकर अपडेट कराया जा सकता है।
डिजिटल कार्ड भी मान्य
अब डिजिटल CGHS कार्ड को भी मान्यता दी गई है। लाभार्थी इसे
CGHS की आधिकारिक वेबसाइट से या
‘My CGHS 2.0’ मोबाइल ऐप से डाउनलोड कर सकते हैं।
इससे अब फिजिकल कार्ड साथ रखने की आवश्यकता नहीं होगी।
नई और पुरानी दरों का अंतर
नई बिलिंग प्रणाली 13 अक्टूबर 2025 की रात 12 बजे से लागू हो गई है।
13 अक्टूबर 2025 के बाद की सेवाओं पर नई CGHS दरें लागू होंगी।
12 अक्टूबर 2025 तक की सेवाएं पुरानी दरों पर ही बिल की जाएंगी।
यदि किसी अस्पताल ने किसी “अस्वीकृत वस्तु” के लिए अतिरिक्त शुल्क लिया है, तो उसके लिए अलग रसीद दी जाएगी और उसका भुगतान CGHS नहीं करेगा।
पारदर्शिता और फीडबैक सिस्टम
सरकार ने मरीजों की सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए अस्पतालों को इलाज के समय जियो-टैग्ड फोटो लेने का निर्देश दिया है। डिस्चार्ज के समय हर मरीज या उसके परिजन को एक फीडबैक फॉर्म भरना होगा, जिसमें बताया जाएगा कि इलाज के दौरान कोई अतिरिक्त शुल्क तो नहीं लिया गया।
शिकायत और कार्रवाई व्यवस्था
हर पैनल अस्पताल में अब एक शिकायत निवारण डेस्क होना अनिवार्य होगा।
यदि किसी लाभार्थी को कोई संदिग्ध संदेश या धोखाधड़ी की जानकारी मिलती है, तो उसे तुरंत संबंधित अपर निदेशक (AD City) के कार्यालय में रिपोर्ट करना होगा।
सरकार ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि CGHS कार्ड के दुरुपयोग पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें मरीज और अस्पताल दोनों के खिलाफ कार्यवाही हो सकती है।
सरकार का यह कदम केंद्र कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत भरा साबित होगा। नई डिजिटल प्रणाली से अब
बिलिंग प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी,
मरीजों को रिफंड में देरी नहीं होगी,
और निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा फिर से सुचारू रूप से शुरू हो जाएगी।




