थमने का नाम नहीं ले रहा टीईटी विवाद, शिक्षक संगठन सरकार से दो-दो हाथ करने की तैयारी में, पढ़िए सूचना

थमने का नाम नहीं ले रहा टीईटी विवाद, शिक्षक संगठन सरकार से दो-दो हाथ करने की तैयारी में, पढ़िए सूचना

लखनऊ: शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) TET के मुद्दे पर देश भर के शिक्षक संगठनों को मिलाकर बना अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ teacher sangh कोर्ट court के फैसले को लेकर मौन साधे केंद्र व राज्य सरकारों Government के खिलाफ दो-दो हाथ करने के मूड में है।

अखिल भारतीय यह संगठन टीईटी TET मुद्दे पर बड़े आंदोलन की रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटा है, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों Teacher के हितों के लिए संघर्ष किया जा सके। संगठन इस इंतजार में भी है कि केंद्र सरकार central government 2017 में शिक्षा अधिकार अधिनियम में किए गए संशोधन को निरस्त कर देश के सभी शिक्षकों Teacher की सेवा सुरक्षित करने की दिशा में दिए गए अपने आश्वासनों पर अमल कर सके।

अखिल भारतीय शिक्षक संघ teacher sangh के प्रमुख घटकों में से एक यूपी के यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर कहते हैं कि प्रदेश के परिषदीय स्कूलों School में करीब 1 लाख शिक्षक ऐसे हैं जो टीईटी TET के लिए आवेदन ही नहीं कर सकते।

 इनमें बहुतायत बीएड योग्यताधारी वे शिक्षक teacher हैं, जो प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त विशिष्ट बीटीसी भर्ती 1999, 2004 तथा 2007 में चयनित बीपीएड योग्यताधारी शिक्षक teacher हैं। वर्ष 2001 से पूर्व इंटर, बीटीसी के आधार पर नियुक्त भारी संख्या में ऐसे शिक्षक teacher हैं जिनकी सेवा अभी पांच वर्ष से अधिक शेष है तथा मृतक आश्रित कोटे में अनुकम्पा के तहत इंटर शैक्षिक योग्यता के आधार पर नौकरी पाने वाले अध्यापक टीईटी TET के लिए आवेदन ही नहीं कर सकते l 

वहीं उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ teacher sangh ने भी सरकार Government से मांग की है कि प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों vidyalaya में 25 वर्षों year से काम कर रहे बीटीसी, सीटीईटी और यूपी-टीईटी पास शिक्षामित्रों shikshamitro को नई नियमावली बनाकर सुपर-टीईटी TET से मुक्त करते हुए सहायक अध्यापक पद पर स्थाई किया जाए। संगठन के अध्यक्ष अनिल यादव के अनुसार प्रदेश में करीब 70 हजार ऐसे शिक्षामित्र हैं, जिनके पास बीटीसी प्रशिक्षण और टीईटी या सीटीईटी CTET की पात्रता है। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 1.48 लाख से अधिक शिक्षामित्र परिषदीय विद्यालयों vidyalaya में कार्यरत हैं।

 इनमें से अधिकतर ने दो वर्षीय दूरस्थ बीटीसी प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। दूसरी तरफ अखिल भारतीय संगठन से एक बाद एक कर विभिन्न राज्यों के शिक्षक teacher संगठनों से जुड़ते चले जा रहे हैं। बावजूद इसके यूपी up समेत कई राज्यों में सैकड़ों शिक्षक teacher ऐसे भी हैं जो किसी भी स्थिति में कोई जोखिम उठाना नहीं चाहते। लिहाजा वे टीईटी TET के सैंपल पेपर खरीदकर उसकी तैयारी में जुट गए हैं, ताकि भविष्य में उनके व उनके परिवार के समक्ष रोजी-रोटी का कोई संकट न उत्पन्न हो सके। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने शिक्षकों Teacher के हितों को लेकर सुप्रीम कोर्ट SC में याचिका दाखिल करने के बाद शिक्षकों Teacher के आन्दोलन को ‌फिलहाल समाप्त कराने के प्रयास शुरू कर दिए हैं जबकि शिक्षक संगठन कानूनी लड़ाई के साथ-साथ आंदोलन की तैयारी में भी जुटे हैं।

 

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