नियमितीकरण की राह देख रहे संविदा कर्मचारियों के लिए खुला खुशियों का पिटारा, प्रदेश सरकार ने लिया अहम फैसला

नियमितीकरण की राह देख रहे संविदा कर्मचारियों के लिए खुला खुशियों का पिटारा, प्रदेश सरकार ने लिया अहम फैसला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश uttar pradesh मंत्रिमंडल ने राज्य के विभिन्न विभागों vibhag और संस्थाओं में आउटसोर्सिंग outsources के जरिये नियुक्त कर्मचारियों karmchariyon की सेवा शर्तों को बेहतर बनाने और नियुक्तियों में आरक्षण देने सम्बन्धी एक प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी।प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ cm Yogi adityanath की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक meeting में लिये गये निर्णयों की जानकारी information दी। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि ‘उत्तर प्रदेश UP आउटसोर्स सेवा निगम संबंधी कंपनीज एक्ट 2013’ के आठवें अनुच्छेद के तहत गठित एक गैर वित्तीय लाभकारी सार्वजनिक कंपनी company जरिये उत्तर प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों तथा संस्थाओं में आउटसोर्सिंग के आधार पर कार्मिकों karmchariyon की सेवाएं दी जा रही है। ”उनकी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए आज मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्ताव लाया गया। इसे स्वीकृति दे दी गयी है।”

Contract Employees Latest News उन्होंने बताया, ”आउटसोर्स outsource सेवा निगम जेम पोर्टल के माध्यम से सेवा प्रदाता का निर्धारण करेगा और आउटसोर्स कर्मचारियों outsource karmchariyon का मानदेय 16 हजार से 20 हजार रुपये rupye के बीच होगा। यह मानदेय सीधे उनके बैंक खाते account में जाएगा। अगर किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो विभाग की संस्तुति पर एजेंसी की सेवाओं को समाप्त किया जा सकता है।” खन्ना ने बताया कि आउटसोर्स कर्मचारियों outsource karmchariyon की नियुक्ति की अवधि तीन वर्ष होगी और उन्हें हर महीने की एक से पांच तारीख के बीच मानदेय mandey मिल जाया करेगा। उनसे महीने में 26 दिन day सेवाएं ली जाएंगी। सेवा के दौरान अगर किसी आउटसोर्स कर्मचारी outsource karmchari की मृत्यु हो जाती है तो उसके अंतिम संस्कार के लिए 15 हजार रुपये rupye भी दिए जाएंगे।

मंत्री ने कहा, ”आउटसोर्स outsource के आधार पर नियुक्ति में आरक्षण का भी प्रावधान किया गया है। इसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, भूतपूर्व सैनिक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों, दिव्यांगजन और महिला आरक्षण का प्रावधान किया गया है।” खन्ना ने कहा कि अभी तक कर्मचारियों karmchariyon को मानदेय mandey या वेतन के रूप में दी जाने वाली धनराशि सेवा प्रदाता के खाते में जाती थी। इससे शिकायतें आती थीं कि कर्मचारियों karmchariyon को पूरी तनख्वाह नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा, ”सरकार government की कोशिश है कि आउटसोर्स कर्मचारी outsource karmchari को सम्मानजनक वेतन vetan मिले, उनकी सेवा शर्तें भी बेहतर हों और आरक्षण का भी लाभ मिले।”

 

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