8th Pay Commission 2025 : राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद बीएनएस के महामंत्री आर के निगम जी ने आठवें वेतन आयोग पर मांगा गया सुझाव शासन को प्रेषित किया
कृपया भारत सरकार के पत्र संख्या-D.O. No. 01-01/2025-E.III (A) दिनांक 17.01.2025
(प्रति संलग्न) का अवलोकन करने का कष्ट करें जिसके द्वारा 8वें केन्द्रीय वेतन आयोग के गठन के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार का सुझाव दिनांक 15.02.2025 तक उपलब्ध कराने की अपेक्षा की गयी है।
अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया 8वें केन्द्रीय वेतन आयोग के संबंध में अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिनांक 14.02.2025 तक वित्त (वेतन आयोग) अनुभाग-2 के ईमेल आई०डी०[email protected] के साथ ही हार्डकापी में भी उपलब्ध कराने का कष्ट करें जिससे कि भारत सरकार के उक्त पत्र दिनांक 17.01.2025 के क्रम में आवश्यक सुझाव भारत सरकार को ससमय उपलब्ध कराया जा सके।
कृपया उपरोका विषद एवं संदर्भ का संज्ञान लेने का कष्ट करें। इस बारे में आपके प संख्या-य०आ०-2-01/दस-2025 दिनांक 13 फरवरी 2025 द्वारा में केन्द्रीय आयोग के समक्ष विचार हेतु ०५० सरकार द्वारा सुझाय प्रेषित करने के संदर्भ में संगठन से सुझाव प्रस्तुत करने की अपेक्षा की गई है।
उका संबंध में हवे केन्द्रीय वेतन आयोग के समक्ष वियार करने हेतु प्रदेश के राज्य कर्मचारियों के
सम्पूर्ण समाज की ओर से निम्नांकित महत्वपूर्ण सुझाव के बिन्दु प्रस्तुत है-01. राष्ट्रीय वेतन-नीति का निर्धारण किया जाय।
02. पूर्व की भांति “पुरानी पेंशन योजना” (OPS) की बहाली किया जाना।
03. लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापित भावना के अनुरूष सरकारी विभागों, संस्थाओं, उपक्रमों आदि का अंधाधुंध निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाया जाना।
04. 8वें वेतन आयोग ने चेतन निर्धारण हेतु गुणांक वर्तमान मंहगाई दरों व मूल्य सूचकांक को देखते हुए 360 से कम नहीं होना चाहिए। न्यूनतम वेतन कम से कम रु०-50000/-होना चाहिए जिससे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व कैीविनेट रोकेटरी के पदों के वेतनमानों के माय अंतर में कमी आये जो निरन्तर बढ़ता जा रहा है। अर्थात न्यूनतम व अधिकतम केतन के अन्तर को कम किया जाना चाहिए।
05. केन्द्र द्वारा मंहगाई भत्ते की दरों को 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाये जाने के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश में मकान किन्त्यये भरते (HRA) की दरों में संशोधन केन्द्र सरकार के कार्यालय झाप दिनांक-04 जुलाई 2014 के कम में नहीं किया गया है।
अतः “केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की भांति ५०५० राज्य सरकार में राज्य कर्मचारियों के मूल वेतन के 10 प्रतिशत 20 प्रतिशत व 30 प्रतिशत जनपद के वर्गीकरण के आधार पर मकान किराया भत्ता प्रदान करने पर विचार किया जाय। इस योजना में शहरी क्षेत्र व धामीण क्षेत्र के कर्मचारियों के भत्तों में समानता हो।
०६. ए०सी०पी० योजना को सरलीकृत किया जाय। विभिन्न संवों में वेतन सारी को कम कसी हुए सुगठित व संतुलित वेतन-दांचा तय किया जाय।
07. 7वें वेतन आयोग की लम्बित वेतन विसंगतियों का संज्ञान लेते हुए वें वेतन आयोग के वेतन-दांचे पर विचार किया जाना।
on समस्त गैर नियमित कार्मिकों (Other than Regular) संविदा/संदर्भ / दैनिक वेतन/वर्कचार्ज/मानदेय / सामायिक/अंगकालिक आउटसोर्सिग आदि कर्मियों, जिनकी सेवा 10 वर्षों की पूर्ण हो चुकी है को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों विशेषकर उमादेवी व अन्य के आलोक में नियनित किया जाय।

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